History, asked by mrinki211, 2 months ago

(२) हमने पंथनिरपेक्षता सिद्धांत को क्यों स्वीकार किया है ?​

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Answered by ranjanachas12
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Answer:

पंथनिरपेक्ष राज्य से आशय यह है कि राज्य की दृष्टि में सभी धर्म समान हैं और धर्म , पंथ एवं उपासना रीति के आधार पर राज्य किसी भी व्यक्ति के साथ भेदभाव नहीं करेगा। राष्ट्रीय स्वतंत्रा संग्राम के दौरान ही भारत मे सांप्रदायिक कटुता का विस्तार हो चुका था। तथा देश का विभाजन इसकी चरम परिणीति थी।।स्वतंत्रा प्राप्ति के बाद नवजात लोकतंत्र को सम्प्रदायवाद के घातक प्रभावों से मुक्त रखने के लिए यह आवश्यक समझा गया कि धर्म या पंथ को राजनीतिक से अलग रखा जाए।। [1][2][3]राज्य द्वारा सभी को अपने-अपने ढंग से संस्कृति का विकास और धार्मिक अध्ययन प्राप्त करने की छूट दी गई है।भारतीय राज्य एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है। भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है।

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