हमने दुःख के महासिंधु से सुख का मोती बीना है
और उदासी के पंजों से हँसने का सुख छीना है
मान और सम्मान हमें ये याद दिलाते है पल पल
भीतर भीतर मरना है पर बाहर बाहर जीना है।
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ɪ ғᴏᴜɴᴅ sᴏᴍᴇ ʟɪɴᴇs ғᴏʀ ᴜ
ᴀᴀɴᴋʜᴏɴ ᴍᴇɪɴ ᴀᴀɴsᴏᴏ ʟᴇᴋᴇ
ʜᴏᴛᴏɴ sᴇ ᴍᴜsᴋᴜʀᴀʏᴇ
ʜᴜᴍ ᴊᴀɪsɪ ᴊᴇᴇ ʀᴀʜᴇ ʜᴀɪ
ᴋᴏɪ ᴊᴇᴇᴋᴇ ᴛᴏ ʙᴀᴛᴀʏᴇ
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Iss mein karna kya hai yeh toh poem hai.
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