Hindi, asked by Kaditya, 1 year ago

hamara bhojan par 100 shabd

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Answered by 8237171746
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हम भोजन को केवल उदरपूर्ति का साधन मानकर ही ग्रहण करते हैं तो वो भोजन हमें आत्मिक शांति व आनंद नहीं प्रदान करता है।

भोजन के हर कण-कण में ऊर्जा व आनंद छुपा है। अन्न के हर एक निवाले को यदि हम शांतिपूर्वक प्रेम से ग्रहण करेंगे तो वह हमें असीम सुख देने के साथ-साथ बेहतर स्वास्थ्य भी प्रदान करेगा।

भोजन का हमारे आचार-विचार से गहरा नाता है। हम जैसा अन्न खाते हैं, वैसा ही हमारा आचरण होता है। इसका आकलन हमारी भोजन के प्रति रुचि से लगाया जा सकता है। सात्विक व पौष्टिक भोजन हमारे तन व मन दोनों के लिए बेहतर होता है।

प्रकृति ने हमें पेड़-पौधों के रूप में कई सारे वरदान दिए हैं। कई सब्जियाँ तो शारीरिक व्याधियों में रामबाण औषधि की तरह कार्य करती हैं। कुछ किस्म के 'डायटरी फाइबर' तो केवल पौधों से प्राप्त वस्तुओं में ही पाए जाते हैं।
* कैसा हो हमारा भोजन :-
हमारे शरीर के विकास के लिए प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज आदि की निश्चित मात्रा होनी चाहिए। भोजन में इन सभी पोषक तत्वों से परिपूर्ण संतुलित आहार का सेवन हमें स्वस्थ, बलशाली व बुद्धिमान बनाता है।
भोजन हमारे शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। जब हमारे शरीर में भोजन के माध्यम से पोषक तत्व प्रवेश करेंगे, तभी हमारा शरीर बीमारियों का मुकाबला कर पाएगा।

* शाकाहार सर्वोत्तम आहार :-
'शाकाहार' आज पूरी दुनिया में एक ट्रेंड के रूप में उभर रहा है, जिसके पीछे एकमात्र कारण माँसाहार से उपजने वाली कई बीमारियों से निजाद पाना है। आज पूरी दुनिया के माँसाहारी लोग शाकाहार को अपना रहे हैं।
Answered by MavisRee
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हमारा भोजन :

मनुष्य तीन चीज़ों के बिना नही रह सकता है - हवा पानी और भोजन इसके बाद आवश्यकता आती है भोजन वस्त्र आवास वो भी तीन हैं I लेकिन दोनों में भोजन मुख्य है I भोजन से ही शरीर पलता है बलवान होता है या कमज़ोर होता है I जिस दिन से बच्चा माँ के गर्भ रहता है I उसके भोजन की तालिका उसी दिन बन जाती है I जैसे जैसे समय बढ़ता है डॉ भोजन की तालिका में परिवर्तन करती हैं I गर्भावस्था में ही नौ महीने तक भोजन के द्वारा बच्चे के आने वाले समय में सुन्दर शरीर की आकृति तैयार हो  चुकी होती है उसका निर्माण हो चूका होता है I

जिस माँ को गर्भ के दौरान संतुलित आहार नहीं मिलता बच्चा स्वस्थ और मजबूत नहीं होता I धरती पर आने के बाद फिर उसी दिन से फिर भोजन की तालिका  I

यह जान लेना आवश्यक है कि स्वस्थ और सुन्दर शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है I इसलिए योग हो या भोग भोजन हर स्थितिमें चाहिए किभोजन इतना लें  कि शरीर को भोजन के सभी तत्व मिल सकें I आजकल छोटे बच्चों में इन आदतों ने जड़ बना लिया है कि वे जंक फ़ूड पसंद करने लगे हैं जो स्वास्थ्य के लिए बिलकुल हानिकारक है I बाहर के भोजन से बचो नहीं तो पेट में जब संक्रमण होता है तो बहुत मुश्किल से ठीक होता है और पाचन शक्ति कमज़ोर होने लगती है I स्वाद के पीछे मत भागो स्वास्थ्य के पीछे भागो I स्वाद के अनुसार भोजन करने से इसके कई तत्व नष्ट हो जाते हैं I अधिक मसालेदार भोजन या तीखा भोजन आपके शरीर को कई बीमारियाँ दे सकता है I इसलिए संतुलित आहार लं I

दिनचर्या के हिसाब से भोजन करें Iभोजन में हरी सब्जियां फल और सलाद अवश्य खाएं I सोते समय एक गिलास दूध अवश्य पियें Iएक वैद्य का कहना है  

" भोजन आधा पेट कर ,दुगुना पानी पिव I

तिगुना श्रम ,चौगुना हंसी ,बरस सवा सौ जीव II

इसी आधार पर चलते जाइये यही भोजन का सार है I


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