hamare samaj me dharmik ekta laane hetu koi 10 sujhav dijiye
please help me it is important
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Answer:
हमारी समझ में धार्मिक एकता लाने के लिए
1. धर्म आपसी सद्भाव एवं एकता का प्रतीक है | धर्म हमें मिल कर रहना सिखाता है |
2. हमें अपनी संस्कृति का पालन करना चाहिए |
3. हमें अपने धर्म को समझना चाहिए और अपने मन को अंदर से साफ रखना चाहिए |
4. हमें सब के साथ मिल कर रहना चाहिए |
5. हमें सब की मदद करनी चाहिए , और किसी को अनजाने मैं भी दुःख नहीं देना चाहिए |
6. हमें धार्मिक किताबें पढ़नी चाहिए |
7. हमें भगवान की प्रार्थना के लिए रोज़ पांच मिनट जरूर निकलने चाहिए , उनका धन्यवाद करना चाहिए , हमें मनुष्य जीवन दिया है , सब कुछ दिया है |
8. मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देना चाहिए, व आपस में भाईचारा रखना चाहिए|
9. आपस में हमें प्रेम, दया, अहिंसा, सत्य, आदि के रास्ते पर चलना चाहिए |
10. अपनी सोच को सकारात्मक रखना चाहिए|
Explanation:
भावनात्मक एकता समिति के अध्यक्ष डॉ० सम्पूर्णानन्द थे। ऐसे ही राष्ट्रीय एकता समिति के अध्यक्ष श्रीमती गांधी ने की थी।
भावनात्कम एकता समिति का गठन सन 1961 ई० में हुआ तथा राष्ट्रीय एकता समिति की स्थापना सन 1967 ई० में हुई। भावनात्मक एकता समिति के विषय में चर्चा कर रहें है।
इस समिति की बैठक जून 1968 ई० में श्रीनगर में हुई जहाँ पर राष्ट्रिय एकता विकास हेतु मुख्य-मुख्य उद्देश्यों की घोषणा की गई। इस समिति ने राष्ट्रीय विकास की समस्या को सुलझाने के लिए तीन उपसमितियों का गठन किया। पहली उपसमिति ने अपने-अपने विषयों के समबन्ध में राष्ट्रीय एकता समिति के सामने उपयुक्त सुझाव रखे जिन्हें समिति ने स्वीकार कर लिया।
राष्ट्रीय एकता समिति के सुझाव – राष्ट्रीय एकता समिति ने जहाँ एक ओर राष्ट्रीय एकता के लिए शैक्षिक कार्यक्रमों का सुझाव किया वहाँ दूसरी ओर शिक्षा के निम्नलिखित उद्देश्यों तथा कार्यक्रमों के विषय में भी सुझाव दिये –
(1) राष्ट्रीय एकता के लिए शिक्षा के उद्देश्य – राष्ट्रीय एकता समिति ने शिक्षा के निम्नलिखित उदेशों पर बल दिया -
(1) सभी बालकों को देश के विभिन्न पहलुओं का ज्ञान कराया जाये।
(2) बालकों को स्वतंत्रता प्राप्ति के सम्बन्ध में प्रमुख घटनायें का ज्ञान कराया जाये।
(3) देश की विभिन्न जातियों तथा सम्प्रदायों में राष्ट्रीय एकता को विकसति करने वाली पढाई-लिखाई पर विशेष बल दिया जाये।
(2) राष्ट्रीय एकता के लिए शैक्षिक कार्यक्रमों का सुझाव – समिति ने राष्ट्रीय एकता के लिए निम्नलिखित सुझाव दिये –
स्कूल में पढाई जाने वाली पुस्तकों की जाँच की जाये।
इन पुस्तकों में अंतर्राष्ट्रीय भावना को विकसित करने वाली बातें निकल दी जायें।
सभी जातियों तथा धर्मों के लोग राष्ट्रीय तथा लोकप्रिय मेलों एवं त्योहारों में भाग लें।
साम्प्रदायिकता एकता को विकसित करने के लिए नाटकों तथा वाद-विवादों का आयोजन किया जाये|
राष्ट्रीय एकता को विकसित करने के लिये फ़िल्में तथा समाचार पत्रों एवं रेडिओ का प्रयोग किया जाये|
विघटनकारी प्रवृतियों को दूर करने के लिए विशिष्ट फ़िल्में तैयार की जायें।
सरकारी पदों पर नियुक्तियां धार्मिक, प्रान्तीय तथा जातीयता एवं साम्प्रदायिकता आधारों पर न की जायें।
उच्च पदों पर नियुक्त करते समय अखिल भारतीय दृष्टिकोण को अपनाया जाये ।