हमदर्दी की आवश्यकता इस विसगाय पर अपने विचार लिखिए
Answers
Answer:
कर सके जो दर्द कम किसी का, जीवन सफल होता है उसी का,” यह बात हेलेन कॆलर ने लिखी थी। कॆलर बेशक जानती थी कि मन की वेदना क्या होती है। जब वह सिर्फ 19 महीनों की थी, तब वह किसी बीमारी की वजह से पूरी तरह अंधी और बहरी हो गयी। लेकिन एक रहमदिल टीचर ने हेलेन को ब्रेल भाषा पढ़ना और लिखना सिखाया। और बाद में उसे बात करना भी सिखाया।
कॆलर की टीचर, ऐन सलिवन अच्छी तरह जानती थी कि अपंगता से होनेवाली मानसिक वेदना सहना कितना दर्दनाक होता है। ऐन भी लगभग अंधी ही थी। लेकिन उसने धीरज से काम लेते हुए ऐसा तरीका ढूँढ़ निकाला जिससे वह हेलेन के हाथ पर एक-एक अक्षर “लिखकर” उससे बात कर सके। अपनी टीचर की हमदर्दी से प्रभावित होकर, हेलेन ने फैसला किया कि वह अपनी पूरी ज़िंदगी अंधों और बहरों की मदद करने में लगा देगी। कॆलर ने कड़ी मेहनत से अपनी अपंगता पर जीत हासिल की और अब वह ऐसे लोगों की मदद करना चाहती थी, जो उसकी तरह अपंग थे, क्योंकि उसके दिल में उनके लिए हमदर्दी और दया की भावना थी।