हनुमान आराधना कराने वाले अपने मित्र को 30-40 शब्दों में मंगलकामना संदेश दीजिए।
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आगरा, जागरण संवाददाता। आज मंगलवार है। मंगलवार यानि मंगल का दिन। जीवन से हर अमंगल को हरने वाले हनुमान जी का विशेष दिन। कहा जाता है कि भगवान को पाना है तो पहले भक्त को प्रसन्न करें। राम भक्त हनुमान जीवन रक्षक हैं तो बुरी शक्तियों के भक्षक भी हैं। पवनपुत्र की आराधना जीवन शक्ति के साथ आत्मविश्वास से भी परिपूर्ण करती है। यूं तो अंजनी सुत भक्तों का सेवाभाव ही प्रसन्न कर देता है लेकिन इस भाव में कुछ विशेष बातें भी यदि शामिल हो जाएं तो केसरीनंदन प्रसन्न होने में देरी नहीं करते। धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जोशी के अनुसार हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होने वाले देव हैं। जो भक्त सेवा भाव से हनुमान जी की सेवा करते हैं वो हनुमान जी की दया रूपी छाव में निश्चिंत हो जाता हैं। किसी प्रकार का भय या डर उस जातक को नहीं डराता। हनुमान जी को प्रसन्न करना अत्यधिक सरल है। किसी भी विघ्न में हनुमान जी का स्मरण निर्विघ्न कर देता है। हनुमान जी सभी सिद्धियों के दाता हैं। उन्हे प्रसन्न करके कोई भी सिद्धि व शक्ति को प्राप्त किया जा सकता हैं। इस लिए तो कहा जाता है कि अष्ट सिद्धि, नव निधि के दाता, अस वर दीन जानकी माता।
हनुमान साधाना से पूर्व नियमों का रखें ध्यान
- पूजन के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- निश्छल सेवा भावना रखें तथा क्रोध व अहं से पूर्णत: दूर रहें।
- हनुमान जी को घी के लड्डू प्रसाद रूप में अर्पित करें।
- तामसिक भोजन का परित्याग करें, अनुष्ठान के दौरान यदि सम्भव हो तो नमक का प्रयोग भी न करें। या मंगलवार के दिन व्रत करें उस दिन नमक सेवन न करें।
धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जोशी
हनुमान साधना
- हनुमान जी को राम भक्त अत्यधिक प्रिय हैं। तुलसीदास जी ने राम का स्मरण किया उन्हे हनुमान जी सहज प्राप्त हो गये। अत: रामायण का पाठ नित्य प्रेम पूर्वक करें। पूजन का समय एक ही रखें, बार-बार न बदलें।
- हनुमान चालीसा में तुलसीदास जी लिखते हैं की राम रसायन तुम्हरे पासा, यहां जिस राम रसायन के बारे में बताया गया हैं वो राम नाम का जाप ही है। इसे अपने गले का हार बना लिजिये, आप हनुमान जी के चहेते बन जाओगे।
- हनुमान चालीसा का प्रभाव अत्यधिक चमत्कारी है। इसका नित्य 11 बार पाठ करिये हनुमान जी स्वत: ही प्रसन्न होंगे।
इन मंत्रों का जाप करेगा पूरी हर आस
पंडित वैभव जोशी के अनुसार हनुमान साधना के कुछ तांत्रिक प्रयोग व मंत्र हैं जिनको साधकर हनुमान जी को प्रसन्न किया जा सकता है। कुछ बीज मंत्रों में से किसी भी मंत्र का जाप हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जा सकता हैं। शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार से लाल आसन पर हनुमान जी की प्रतिष्ठित मूर्ति के सामने बैठ कर घी का दीपक जला कर लाल चंदन की माला अथवा मूंगे की माला पर नित्य 11 माला 40 दिन करने से सिद्धि प्राप्त होती है।
– ऊँ हुँ हुँ हनुमतये फट्।
-ऊँ पवन नन्दनाय स्वाहा।
– ऊँ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट।
– ओम नमों हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमित विक्रमाय
प्रकटपराक्रमाय महाबलाय सूर्य कोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।
– ओम नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसहांरणाय
सर्वरोगाय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
– ओम नमो हनुमते रुद्रावतराय वज्रदेहाय वज्रनखाय वज्रसुखाय
वज्ररोम्णे वज्रनेत्राय वज्रदंताय वज्रकराय वज्रभक्ताय रामदूताय स्वाहा।
– अष्टदशाक्षर मंत्र अत्यधिक चमत्कारी एवं हनुमान जी की कृपा देने वाला हैं, मंत्र महोदधी में वर्णित है कि जिस घर में इस मंत्र का जाप होता हैं वहां किसी प्रकार की हानि नही होती। धन-सम्पन्नता व खुशियां सर्वत्र फैली हुई होती हैं। ‘
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76 g 250 mg ×3 express in g