Hans Rahi Usha Kavita ke Aadhar per kab aur kyon gunjar karte hain Hindi mein
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हंस रही ऊषा कविता भारत भूषण अग्रवाल द्वारा लिखी गयी कविता है, जिसमें शीर्षक हंस रही ऊषा नही है बल्कि ‘फूटा प्रभात’ है। हंस रही ऊषा का वर्णन इस कविता में आया है।
इस कविता में कविता में कवि प्रातः कालीन प्राकृतिक सौंदर्य का सुंदर और भावप्रवण वर्णन किया है।
कवि कहता सूरज की किरणें अपनी उपस्थिति दर्ज करा
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hans rahi usha ke kavi bhart bhushan agrwal ka kya tatpary hai?
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