हरे भरे बगीचे के साथ आप गप्पें लड़ा रहे हैं। ऐसी कल्पना करते हुए एक कविता लिखिए।
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हरे भरे वगीचे में बैठे फूल पत्तियों से
लड़ा रहे गप्पे ऐसे जैसे रिस्ता बहुत पुराना
देखो इन डालियो को लगता एसा बोल रही है
तुम भी मुझ जैसे हो जाओ
ना फिकर किसी कि भी तुम करना मस्ती में मगन हो
जाओ एसें जैसे दुनिया पीछे छूट गई है
हरे भरे वगीचे मे बैठे फूल पत्तियों से
लङा रहे गप्पे ऐसे जैसे रिस्ता बहुत पुराना
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