हरिहर काका' कहानी में हरिहर काका की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एक महंत, मीडिया और समाज की भूमिका क्या होनी चाहिए ?
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उत्तर: मीडिया वाले तो तिल का ताड़ बनाने में माहिर होते हैं। यदि हरिहर काका के गाँव में मीडिया की पहुँच होती तो हर अखबार में उनके चर्चे शुरु हो जाते। कुछ अखबार वाले हरिहर काका को एक पीड़ित की तरह पेश करते तो कुछ अखबार वाले उनपर लोगों की धार्मिक भावनाओं पर ठेस पहुँचाने का आरोप लगाते। हो सकता है कि मीडिया के प्रभाव में आकर हरिहर काका को दो चार दिनों के लिए पूरे देश के लोग जान जाते लेकिन उनकी वस्तुस्थिति पर शायद ही कोई असर पड़ता। हो सकता है कि कुछ राजनीतिक दलों के दवाब में आकर मीडिया ऐसी रिपोर्टिंग करता कि हरिहर काका की जमीन पर महंतों का कब्जा हो जाता।
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