Hindi, asked by Sammydhillon1927, 1 year ago

हरिहर काका पाठ की कथा को संक्षेप में लिखकर बताइए कि हमारे देश के सच्चे भ्रातृ प्रेम जैसे आदर्श को किस कारण क्षति पहुंच रही है ?आप इससे कहां तक समाज के लिए अहितकार मानते हैं लिखिए|

Answers

Answered by krithi2001143
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Heya Mate✌✌

Here's your answer ⚛⚛

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↪↪↪✳ हरिहर काका' कहानी के मुख्यपात्र हरिहर काका हैं। वह एक वृद्ध और निसंतान व्यक्ति हैं। अपना कहने के नाम पर उनके तीन भाई हैं। उनके भाईयों का परिवार भरा-पूरा परिवार है। हरिहर काका इन्हीं के साथ रहने में अपना सुख मानते हैं। मन को सुख देने के लिए ठाकुरबारी (मंदिर) है। हरिहर काका के जीवन में इन दोनों का विशेष महत्व है। परंतु इन्हीं दोनों ने उन्हें अपने स्वार्थ के लिए छला है। उन्हें हरिहर काका से कोई लगाव और प्रेम नहीं है। उनका उद्देश्य है कि हरिहर काका की जमीन को कैसे हड़पा जा सके। वह जमीन को पाने के लिए हर तरह की युक्ति का प्रयोग करते हैं। फिर चाहे वह धोखा देकर हो या शक्ति का प्रयोग करके हो। हरिहर काका इनकी स्वार्थलोलुपता के विरूद्ध खड़े होकर अपने अस्तित्व को बचाने का प्रयास करते हैं। इन सब में परिवार और ठाकुरबारी (मंदिर) के प्रति उनकी आस्था समाप्त हो जाती है। यह कहानी ग्रामीण जीवन के यर्थाथ को समाज के समक्ष बेनकाब करती है, जिनका मत है कि गाँवों की अपेक्षा शहरों के जीवन में स्वार्थलोलुपता ज्यादा विद्यमान है। आपसी रिश्तों में प्रेम के स्थान पर लालच का बढ़ना रिश्तों के खोखलेपन को दर्शाता है। समाज में प्रेम समाप्त हो रहा है। यह बहुत दुख की बात है। ✳↩↩↩

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Hope it helps you ☯☯

Cheers ☺☺

Answered by krithi2000143
2

Hello ☺☺☺

Answer:

हरिहर काका' कहानी के मुख्यपात्र हरिहर काका हैं। वह एक वृद्ध और निसंतान व्यक्ति हैं। अपना कहने के नाम पर उनके तीन भाई हैं। हरिहर काका इन्हीं के साथ रहने में अपना सुख मानते हैं। मन को सुख देने के लिए ठाकुरबारी (मंदिर) है। हरिहर काका के जीवन में इन दोनों का विशेष महत्व है। परंतु इन्हीं दोनों ने उन्हें अपने स्वार्थ के लिए छला है। उनका उद्देश्य है कि हरिहर काका की जमीन को कैसे हड़पा जा सके। वह जमीन को पाने के लिए हर तरह की युक्ति का प्रयोग करते हैं। हरिहर काका इनकी स्वार्थलोलुपता के विरूद्ध खड़े होकर अपने अस्तित्व को बचाने का प्रयास करते हैं। इन सब में परिवार और ठाकुरबारी (मंदिर) के प्रति उनकी आस्था समाप्त हो जाती है। यह कहानी ग्रामीण जीवन के यर्थाथ को समाज के समक्ष बेनकाब करती है, जिनका मत है कि गाँवों की अपेक्षा शहरों के जीवन में स्वार्थलोलुपता ज्यादा विद्यमान है। आपसी रिश्तों में प्रेम के स्थान पर लालच का बढ़ना रिश्तों के खोखलेपन को दर्शाता है। समाज में प्रेम समाप्त हो रहा है। यह बहुत दुख की बात है।

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