हरिश्चंद्र सिंह ने झंडा कहांँ फहराया ?
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तारा सुंदरी पार्क में बड़ा बाज़ार कांग्रेस कमेटी के युद्ध मंत्री हरिश्चंद्र सिंह झंडा फहराने गए पर वे भीतर न जा सके।
राजा हरिश्चंद्र को बच्चे नहीं हो रहे थे. उन्होंने वरुण देवता की पूजा की और उनसे कहा कि अगर आप मुझे एक बेटा दे दें तो मैं उसी को यज्ञ पशु बना कर आपका यज्ञ करूंगा. वरुण देवता ने कहा ओके और डील डन हो गई.
हरिश्चंद्र का बेटा हुआ और उसका नाम रखा गया रोहित. वरुण भगवान ने कहा चलो बेटा अब यज्ञ कराओ. हरिश्चंद्र को बच्चे पर प्यार आ रहा था. उसने कहा जब बच्चा 10 महीने का हो जाएगा तभी यज्ञ के लायक होगा. भगवान वरुण बोले ठीक. फिर 10 महीने बाद वरुण के पूछने पर हरिश्चंद्र ने कहा कि बच्चे के दांत निकल आने दीजिए. फिर यज्ञ करेंगे.
ऐसे ही बहाने मार मारकर हरिश्चंद्र ने भगवान वरुण को कई बरसों तक टहलाया. दरअसल हरिश्चंद्र को बच्चे से मोह हो गया था और अब वो उसे खोना नहीं चाहते थे सो झूठ बोलकर टरका रहे थे.जब रोहित को पता चला कि उसके पापा तो उसकी जान के अगेंस्ट लोन लिए हुए हैं, वो जंगल की ओर निकल लिया.