Hindi, asked by Harini5286, 17 hours ago

‘हरिशंकि पिसाई जी नेव्यंग को हहंदी साहहत्य मेंएक हिधा के रूप में पहचान हदलाई। इन के माध्यम सेउन्ोंने
सामाहजक और राजजनीईतक जीिन मेंव्याप्त भ्रष्टाचाि औि शोषण पि व्यंग हकए जो आज भी प्रासंहगक है।' उनकी रचनाओं से उधारण देते हुए इस कथन की पुहष्ट कीहजए।

Answers

Answered by bhatiamona
2

बस की यात्रा पाठ  हरिशंकर परसाई जी द्वारा लिखी गई है| इस पाठ में कवि ने यातायात की दुर्व्यवस्था  का वर्णन किया गया है|  

एक बार लेखक अपने चार मित्रों के साथ बस से सफर करने का फैसला लेते है| कुछ लोग उन्हें मना करते है लेकिन वह किसी की बात नहीं मानते | बस की हालत देखकर लेखक को हंसी आती है वह कहते है बस तो पूजा जरने के योग्य है|

इंजन के स्टार्ट होते ही ऐसा लगता है की पूरी बस ही इंजन हो। अभी कुछ समय की यात्रा की तय की थी कि बस आगे चल कर रुक गई और पता चलता है कि बस की पैट्रोल की टंकी में छेद है| लेखक के मन में अजीब से ख्याल आ रहे थे| इंजन ठीक हो जाने के बाद  बस फिर चल पड़ती है | थोड़े से आगे चलने के बाद पहुँचते ही टायर पंचर हो जाता है। यह सब देखकर तो सब ने जल्दी पहुंच जाने की उम्मीद छोड़ देती है| सब यात्री आपस में हँसी-मजाक करने लगे। और लेखक के जो मित्र थे वह भी अब अपना समय हँसी-मजाक के द्वारा व्यतीत करने लगे।

Similar questions