हर्षवर्धन ने सत्ता प्राप्त करने के बाद सर्वप्रथम किस से मुक्त करने का निर्णय लिया
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जब हर्ष का शासन अपने चरमोत्कर्ष पर था तब उत्तरी और उत्तरी-पश्चिमी भारत का अधिकांश भाग उसके राज्य के अन्तर्गत आता था। उसका राज्य पूरब में कामरूप तक तथा दक्षिण में नर्मदा नदी तक फैला हुआ था। कन्नौज उसकी राजधानी थी जो आजकल उत्तर प्रदेश में है। उसने ६४७ ई तक शासन किया।[3] जब हर्ष ने भारत के दक्षिणी भाग में अपने राज्य का विस्तार करने की कोशिश की तो चालुक्य वंश के शासक पुलकेशिन द्वितीय ने नर्मदा के युद्ध में उसे पराजित किया।
हर्षवर्धन (590-647 ई.) प्राचीन भारत में एक राजा था जिसने उत्तरी भारत में ६०६ ई से ६४७ ई तक राज किया। वह वर्धन राजवंश के शासक प्रभाकरवर्धन का पुत्र था जिसने था जिसके पिता अल्कोन हूणों को पराजित जिया था।[2] उसका छोटा भाई राज्यवर्धन, थानेसर पर शासन करता था जिसका क्षेत्र आज के हरियाणा का क्षेत्र है। अ
हर्षवर्धन
महाराजधिराज
Harshavardhana Circa AD 606-647.jpg
हर्षवर्द्धन के समय का सिक्का, अनुमानतः ६०६ - ६४७ ई.स.
हर्ष का साम्राज्य Anugrh Khalkho
शासनावधि
ल. 606 CE-647 CE[1]
पूर्ववर्ती
राज्यवर्द्धन
उत्तरवर्ती
यशोवर्मन
जन्म
590 ई.स.
निधन
647 ई.स.
राजवंश
वर्द्धन (पुष्यभूति)
पिता
प्रभाकरवर्द्धन
माता
यशोमती
धर्म
हिन्दू, बौद्ध