Hindi, asked by nikhiluke54, 1 month ago

हर्षवर्धवाच्या जीवनावरील बानभट्ट यांनी लिहिलेला ग्रंथ​

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Answered by ojaswiverma97
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Answer:

बाण भट्ट सातवीं शताब्दी के संस्कृत गद्य लेखक और कवि थे। वह राजा हर्षवर्धन के आस्थान कवि थे। उनके दो प्रमुख ग्रंथ हैं: हर्षचरितम् तथा कादम्बरी। हर्षचरितम्[1] , राजा हर्षवर्धन का जीवन-चरित्र था और कादंबरी दुनिया का पहला उपन्यास था। कादंबरी पूर्ण होने से पहले ही बाण भट्ट जी का देहांत हो गया तो उपन्यास पूरा करने का काम उनके पुत्र भूषण भट्ट ने अपने हाथ में लिया। दोनों ग्रंथ संस्कृत साहित्य के महत्त्वपूर्ण ग्रंथ माने जाते है[2]।

काव्य क्षेत्र में पश्चाद्वर्ती लेखकों ने एक स्वर में बाण पर प्रशस्तियों की अभिवृष्टि की है।

आर्यासप्तति के लेखक गोवर्धनाचार्य का कथन है-

‘‘जाता शिखंडिनी प्राग्यथा शिखंडी तथावगच्छामि।

प्रागल्भ्यमधिकमाप्तुं वाणी बाणी बभूवेति।’’

तिलकमंजरी के लेखक धनपाल की प्रशस्ति इस प्रकार है-

केवलोऽपि स्पफुरन् बाणः करोति विमदान् कवीन्।

किं पुनः क्लृप्तसन्धानपुलिन्दकृतसन्निधिः।।

त्रिलोचन ने निम्नलिखित पद्य में बाण की प्रशंसा की है-

हृदि लग्नेन बाणेन यन्मन्दोऽपि पदक्रमः।

भवेत् कविवरंगाणां चापलं तत्रकारणम्।।

राघवपांडवीय के लेखक कविराज के अनुसार-

सुबन्धुर्वाणभट्टश्च कविराज इति त्रयः।

वक्रोक्तिमार्ग निपुणश्चतुर्थो विद्यते न वा।।

पश्चाद्वर्ती लेखकों की अनन्त प्रशस्तियों में ये कुछ ही हैं।

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