हरित क्रांति क्या थी? हरित क्रांति के दो सकारात्मक और दो नकारात्मक परिणामों का उल्लेख करें I
Answers
"हरित क्रान्ति- हरित क्रान्ति कृषि श्रेत्र में हरियाली लाने तथा खेतो में पैदास बढ़ाने के सम्बंधित है। हरित क्रान्ति के फलस्वरूप देश के कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हुई | हरित क्रान्ती का शुभारम्भ राष्ट्र को खदानों के लिए स्वावलम्बी बनाने के उद्देश्य से भारत की चौथी पंचवर्षीय योजना के तहत किया गया ।हरित क्रान्ति के अन्तर्गत कृषिश्रेत्र में सुधार लाने के लिए अथाग प्रयास किये गए | जैसे की रूढ़िवादी तरीको के जगह कृषि के आधुनिक तकनीकों के प्रयोग किये गए | सर्वोत्तम बीजो ,रासायनिक खादों, सिचाईप्रणाली इत्यादि जैसी सुविधाओं का अपनाते हुवे कृषि क्षेत्र में विकास के द्वारा क्रान्ति लाने का प्रयास किया गया तथा उत्पादक तकनीक में सुधार किये गए |
हरित क्रान्ति को उपजाने वाले कारण
1.रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग
2.उन्नतशील बीजों के प्रयोग में वृद्धि
3.सिंचाई सुविधाओं का विकास
4.पौध संरक्षण
5.बहुफ़सली कार्यक्रम
6.आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रयोग
7.कृषि सेवा केन्द्रों की स्थापना
8.कृषि उद्योग निगम
9.विभिन्न निगमों की स्थापना
11.भूमि संरक्षणहरित क्रान्ति का लाभ
1-हरित क्रान्ति से देश में फ़सलों के क्षेत्रफल में वृद्धि, कृषि उत्पादन तथा उत्पादकता में वृद्धि हो गई। विशेषकर गेहूँ, बाजरा, धान, मक्का तथा ज्वार के उत्पादन में आशातीत वृद्धि हुई। जिसके के कारण खाद्यान्नों में भारत आत्मनिर्भर-सा हो गया।
2-खेती पहले सिर्फ पेट भरने के लिये की जाती थी | हरित क्रान्ति आने के बाद खेती के परम्परागत तरिकोमें परिवर्तन हुआ और खेती व्यवसायिक दृष्टि से की जाने लगी और व्यवसायिक फ़सलों के उत्पादन में भी वृद्धि हुई है ।
3-नवीन तकनीकों के प्रयोगो के कारण उत्पादन बढ़ा हे और कृषि बचतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई हे |
४- कृषि एवं औद्योगिक क्षेत्र के सम्बन्धों को अधिक मजबूत बना दिया हे । हरित क्रांति के नकारात्मक प्रभाव
१. गावों में बढ़ती व्यक्तिगत असमानताओं
२. आवश्यक सुविधाओं का अभाव"
हरित क्रांति खेतों की हरियाली से है