harit kranti ke kya labh hain
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हरित क्रांति के लाभ
1. खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि - हरित क्रांति या नई कृषि राजनीति का पहला लाभ हुआ है कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई है, विशेष रुप से गेहॅू, बाजरा, चावल, मक्का, व ज्वार दालों के उत्पादन में आशतीत वृद्धि हुई। इसके परिणामस्वरुप भारत खाद्यान्नों में आत्मनिर्भर सा हो गया है। प्रति हेक्टेयर उत्पादन में आशतीत वृद्धि हुई है।
2. परम्परागत स्वरुप में परिवर्तन - हरित क्रांति द्वारा किसानों को परम्परागत खेती की सीमाएँ पता चल गई हैं। आज किसान आधुनिक तकनीकों को अपनाने के लिए तैयार है। आज खेती का व्यवसायिकरण हो चुका है। लैजिस्की के अनुसार, ‘‘जहॉ कहीं भी नई तकनीकें उपलब्ध हैं कोई किसान उनके महत्व को अस्वीकार नहीं करता। बेहतर कृषि विधियों तथा बेहतर जीवन स्तर की इच्छा न केवल नई उत्पादन तकनीकों का प्रयोग करने वाले एक छोटे से धनी वर्ग तक सीमित है बल्कि उन लाखों किसानों में भी फैल गई जिन्होंनें अभी तक इन्हें अपनाया है और जिनके लिए बेहतर जीवन स्तर अभी तक सपना है।’’
3. कृषि बचतों में वृद्धि - खाद्यान्न में उत्पादन में वृद्धि का एक परिणाम यह हुआ कि मण्डी में बिकने वाले खाद्यान्न की मात्रा में वृद्धि हो गइ। जिससे कृषक के पास बचतों की मात्रा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है जिसको देश के विकास के लिए काम में लाया जा रहा है। यह वृद्धि, विशेषकर औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए लाभकारी रही।
4. विश्वास - हरित क्रांति का सबसे बड़ा लाभ यह हुआ है कि कृषक, सरकार व जनता सभी में यह विश्वास जाग्रत हो गया है कि भारत में कृषि पदार्थों के क्षेत्र में केवल आत्मनिर्भर ही नहीं हो सकता है बल्कि आवश्यकता पड़ने पर निर्यात भी कर सकता है।