Hindi, asked by shivanishivu4167, 7 months ago

Has rahi Udhar explanation

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Answered by vanshikaverma7
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Answer:

हंस रही ऊषा कविता भारत भूषण अग्रवाल द्वारा लिखी गयी कविता है, जिसमें शीर्षक हंस रही ऊषा नही है बल्कि ‘फूटा प्रभात’ है। हंस रही ऊषा का वर्णन इस कविता में आया है।

इस कविता में कविता में कवि प्रातः कालीन प्राकृतिक सौंदर्य का सुंदर और भावप्रवण वर्णन किया है।

कवि कहता सूरज की किरणें अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुकी हैं, वातावरण में एक मुधर सा संगीत विद्यमान हो गया है। आसमान में उदित हो रहा सूर्य ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जैसे कि लाल सुर्ख गुलाब का फूल बगीचे में खिला हो।

सूरज के प्रकाश ने अंधेरे का समूल नाश कर दिया है, और सूरज की किरणे आंँगन में खिलखिलाने लगीं है। प्रातः कालीन ऊषा अपनी मंद-मंद मुस्कान बिखेर रही है।

प्रभात के आगमन के साथ हो लोगों के घरों के द्वार खुल गये है, चारों तरफ चहल-पहल का वातावरण बनने लगा है। पक्षी चहचहाने लगें हैं, मानव स्वर वातावरण में गुंजित होने लगे हैं। लोग अपने आलस्य के बंधन से बाहर निकल आये हैं, और एक नयी ऊर्जा के साथ अपने दैनिक कार्यों में लग गये हैं।

हे बालकों तुम भी उठो। इस नयी सुबह का स्वागत करो। इस प्रभात की ताजगी को आत्मसात कर लो। प्रफुल्लित होकर जीवन के कर्तव्य निर्वहन में जुट जाओ।

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