Hindi, asked by amrita45, 1 year ago

हसीं का जीवन में महत्व

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Answered by Anonymous
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सना सेहत के लिए बहुत अच्छा है, यह सिद्धांत बहुत पुराना है. पुरातन वैदिक संस्कृत ग्रंथों में इसे मन, मस्तिष्क और दिल का बेहतरीन व्यायाम बताया गया है. योग में इसके गुणों को देखते हुए, रोजाना व्यायाम के तौर पर हंसने की सलाह दी गई है. लोगों ने यही विचार कहावतों में भी डाला है. अब यही बात आधुनिक चिकित्सा वैज्ञानिक भी कह रहे हैं. शोध से उन्होंने शरीर पर हंसने के सुप्रभाव भी जान लिए हैं.कई लोग तो ऐसे मिल जायेगे कि वे कई महीनों से हँसे ही नहीं. आपको हंसने के बहाने ढूंढते रहने चाहिए. जिन्दगी इतनी व्यस्त हो गयी है कोई समय नहीं निकाल पा रहा है. लेकिन यदि आप कुछ देर के लिए हंस लें तो आपके सारी परेशानियाँ ख़त्म हो सकती हैं. आप हंसने के लिए निम्न चीजें कर सकते हैं –

आजकल कई laughing क्लब जो आपको पार्क में दिख जांएगे. आप इन्हें सुबह – सुबह ज्वाइन कर सकते है.कुछ जोक्स पड़कर भी हंसा जा सकता है. जोक्स तो आज इन्टरनेट में, मोबाइल WhatsApp में खूब मिल जाते है. आप खुद इनको पढ़ कर हँसे और दूसरों को भी सुनाकर हंसाएं.कुछ ऐसे लोग होते है जो बातो – बातो में भी हंसाते रहते हैं तो आप ऐसे लोगों के ग्रुप में रहें.कॉमेडी विडियो Youtube में देख सकते हैं. जैसे राजू श्रीवास्तव, जॉनी लीवर आदि.इसके अलावा टीवी में भी कई कॉमेडी शो चल रहें हैं आप उन्हें भी देख सकते हैं.

यदि हम केवल भौतिक स्तर पर देखें, तो हंसना एक भरपूर व्यायाम है. इससे छाती, पेट की मांसपेशियों तथा दिल, फेफड़ों और रक्त संचार व्यवस्था का खूब अच्छा व्यायाम हो जाता है. सांस नलियों में बलगम हो तो बाहर आ जाता है. दिल और संचरण की गति तीव्र हो जाती है, मांसपेशियों की अच्छी खासी कसरत हो जाती है.

हंसना मन के लिए भी अच्छा टानिक है. इससे आदमी जीवन की नीरसता, एकाकीपन, तनाव, अवसाद और थकान से राहत पाता है. शोध-चिकित्सकों ने हंसने की उपयोगिता का जैव रासायनिक आधार भी तलाश किया है. उन्होंने पाया है कि हंसने से मस्तिष्क में कई महत्वपूर्ण जैव रसायन निकलते हैं. इनमें catecholamines और endorphin प्रमुख हैं.

Answered by duragpalsingh
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हिंदी साहित्य में नव रस माने गये हैं| हास्य रस उनमें से एक है| हास्य एक ऐसी पूँजी है जो हंसने वाले को तो स्वस्थ बनाती ही है, आस-पास वालों को भी मालामाल कर देतीहै| हास्य रस का आनंद लेने के लिए आवश्यक है कि आपके आस-पास सकारात्मक उर्जा वाले लोगहो जो सर्वदा माहौल को खुशनुमा बनाये रखे| आज के आपाधापी के युग में इतना समय किसी के पास नहीं कि वो ऐसे मित्र खोजने जाये| तो हमारे पास हास्य रस के कवि, चार्ली चैपलिन, मिस्टर बीन सरीखे   किरदार , पुस्तकें और इंटरनेट पर  मनोरंजक सामग्री सुलभ है| वर्तमान में अधिकांश लोग तनाव व अनिद्रा से पीड़ित है | ये लक्षण आगे चलकर रक्तचाप, मधुमेह, एसिडिटी जैसी बीमारियों में बदल जाते है|

अत: अगर किसी को स्वस्थ रहना है तो मुफ्त का इलाज है हँसते रहिये| परिस्थितियाँ तो अस्थायी है पर हमें अपनी हंसी स्थाई रखनी चाहिए| ये रामबाण और अचूक उपचार है| आजकल ऐसे क्लब भी प्रचलन में हैं जहा हंसी को थेरेपी के रूप में इस्तेमाल करके लोगों को सकारात्मक जीवन जीने का संदेश दिया जाता है| हंसने से मुख की मांसपेशियों का व्यायाम होता है|

रक्त संचरण सामान्य रहता है| पशु- पक्षी तक भी अपने हाव-भाव से अपनी ख़ुशी प्रकट कर देते है| मोर का नृत्य तो प्रसिद्ध है| चौपाये मालिक को चाटकर, कुत्ते पावों में लोटकर अपनी हंसी अभिव्यक्त करते है| हम इंसानों की एक मुसकराहट सामने वाले को बता देती है कि हम घर पर है अर्थात हम आत्मनियंत्रित है| ज्यादातर फ़िल्में हास्य कलाकारों के बिना अपूर्ण सी लगती है| पूर्व में संस्कृत और हिंदी के नाटकों में विदूषक की उपस्थिति अनिवार्य होती थी| चाचा चौधरी, तेनाली रामा, बिल्लू, पिंकी जैसे हास्य चरित्र किसी समय में किशोरों की पहली पसंद थे| अत: सार रूप में कह सकते है कि हंसने का माध्यम कोई भी क्यों न हो हमें हर स्थिति में हँसने को प्राथमिकता देनी चाहिए ताकि हम तनाव भगाकर सर्वप्रिय बन सके| जीवन में हास्य का वही महत्व है जो भोजन में नमक का है|

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