हस्ती चढ़िए ज्ञान कौ, सहज दुलीचा डारि।
स्वान रूप संसार है, मूंकन दे झख मारि।
*इस साखी का अर्थ बताइए*
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aapkoJahan kahin bhi Gyan ki prapti Ho vahi aasan lagakar baith jaaiye kyunki yah sansar to suhan ya arthat kutte ke saman hai inhen to bhokne ka hi avsar chahie
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hope hope it helped you and markaz brain list please
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कबीर के इस साखी का अर्थ है
हमे ज्ञान रूपी हाथी की सवारी सहजता से दुलीचा डाल कर करना चाहिए इसके लिए अगर कुत्ता रुपी संसार आपकी नींदा करे तो उसका परवाह न कर अपना ज्ञान पित्ती के मार्ग पर चलते जाना चाहिए
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