Hindi, asked by skolhan, 14 hours ago

हस्ती चढ़िए ज्ञान कौ, सहज दुलीचा डारि। स्वान रूप संसार है, भंकन दे झख मारि।3। enka arth ​

Answers

Answered by vermajitender430
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Answer:

इस दोहे में कभी जी कहना चाहते हैं कि जो ज्ञान होता है वह सदैव अपने मार्ग की ओर अग्रसर होता है वह फालतू में आलोचना करने वालों की कोई चिंता नहीं करता वह कहते हैं कि यह संसार कुत्ते की तरह है जो सदैव ढूंढता रहता है परंतु ज्ञान इन सबकी परवाह नहीं करता।

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