Hasna swasthya ke liye upyogi hai par lekh chahiye
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हँसना वैसे भी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है ही और खुलकर हँसने के तो कहने ही क्या।नये वैज्ञानिक शोधों के अनुसार खुलकर हँसने से उठने बाली गुदगुदी वाली तरंग से एंडोर्फिन नामक हार्मोन निकलता है यह एक प्राकृतिक दर्द निवारक है और यह हार्मोन हमें उत्साही व स्वस्थ बनाए रखने में महत्व पूर्ण भूमिका निभाता है। जो हमें व्यायाम करने के बाद प्राप्त होता है तो क्यों न खुलकर हँसा जाए और व्यायाम किये बिना ही व्यायाम वाला आनन्द लिया जाए।वैसे हम बार बार दवी हुयी हँसी न हँस कर केवल दो बार खुलकर हँसे तो ज्यादा फायदा प्राप्त कर सकते हैं यह कहना विल्कुल सही है कि इतना हमारे शरीर के लिए पर्याप्त है। हँसने से रोग प्रतिरोधक तंत्र मजबूत होता है तनाव से मुक्ति मिलती है।मांसपैशियों को आराम व हृदय की बीमारियों में राहत मिलती है।
हँसने से वैसे तो अनगिनित फायदे हैं किन्तु यहाँ कुछ विशेष को वर्णित कर रहा हूँ।
हँसमुख व्यक्ति जीवन में आने वाली चुनौतियों का मुकावला हँसते हसते कर लेता है।हँसने से व्यक्ति के मानसिक स्तर की मजबूती के साथ ही आत्मविश्वास भी वढ़ता है।हँसने से शरीर में निकलने वाला एंडोर्फिन हार्मोन डिप्रेशन,चिन्ता,अवसाद,व चिड़चिड़ेपन से निजात तो दिलाता ही है यह आपके दुःख को भी वहुत कम कर देता है।हँसने का एक लाभ यह भी है कि यह ब्लड प्रेसर को भी नियंत्रित करता है।हँसना शरीर के श्वसन तंत्र,पेट,पीठ व चहरे की मांसपैसियों को चुस्त दुरुस्त करने बाला वढ़िया व्यायाम है।हँसने से शरीर में रक्त संचरण सामान्य होने के साथ ही एब्डॉमिनल मसल्स की एक्सरसाइज भी होती है। हँसी चेहरे पर उम्र का प्रभाव कम करने में भी सहायक है। विशेषज्ञानुसार; नियमित हँसने से हार्ट अटैक का खतरा भी कम हो जाता है। इसलिए दिनचर्या में प्रतिदिन 15 मिनट हँसना भी शामिल करना चाहिये।यह भरपूर मात्रा में कैलोरी खर्च करने वाला व्यायाम होने के कारण मधुमेह के रोगियों को भी वहुत लाभ पहुँचाता है।इससे मोटापा भी दूर होता है।हँसना जीवन की नीरसता,एकाकीपन,थकान,मानसिक तनाव और शारीरिक दर्दों को भी दूर करने में सहायक है।हँसमुख व्यक्ति अवसाद,मानसिक तनाव,अनिद्रा व नकारात्मक सोच से बचा रह सकता है।इससे कोशिकाओं और अंगों में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुचारु रूप से होती है और यदि कहीं ऑक्सीजन का स्तर कम-ज्यादा है तो हँसने से वह सामान्य हो जाता है।हँसने से मस्तिष्क के दाएँ और बाएँ दोनों भागों की सक्रिय रहते हैं। परिणाम स्वरुप निर्णय क्षमता बढ़ती है और मैमोरी भी शार्प होती है। हँसने से चहरे की ही नही अपितु सम्पूर्ण माँसपेशियों के खिंचाव में आराम मिलता है और शरीर रिलेक्स फील करता है।सबसे बड़ा व दिखाई देने वाला लाभ यह है कि हँसने से सामाजिक दायरा बढ़ता है।आपका लोगो से खुलकर मिलना आगे वढ़कर प्रसन्नता व मुस्कान के साथ गर्म जोशी से बातें करना आपका सामाजिक दायरा वढ़ाने के साथ ही साथ आपका लोगों में क्रेज भी वढ़ाता है।वहीं अगर आप अपने ग्रुप में चुपचाप रहते हैं और लोगों से ज्यादा घुलते-मिलते नहीं हैं तो आपका दायरा सीमित हो जाएगा।और अन्त में मैं यह कहकर अपनी बातों को विराम दूंगा कि खुशमिजाज व्यक्ति ऑफिस, परिवार और दोस्तों में हर जगह पसंद किया जाता है। सामान्य जन जीवन में आप देखते होगें कि ग्रुप में यदि एक व्यक्ति किसी बात पर हँसता है तो उसे देखकर दूसरे भी हँसने लगते हैं।
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हँसने से वैसे तो अनगिनित फायदे हैं किन्तु यहाँ कुछ विशेष को वर्णित कर रहा हूँ।
हँसमुख व्यक्ति जीवन में आने वाली चुनौतियों का मुकावला हँसते हसते कर लेता है।हँसने से व्यक्ति के मानसिक स्तर की मजबूती के साथ ही आत्मविश्वास भी वढ़ता है।हँसने से शरीर में निकलने वाला एंडोर्फिन हार्मोन डिप्रेशन,चिन्ता,अवसाद,व चिड़चिड़ेपन से निजात तो दिलाता ही है यह आपके दुःख को भी वहुत कम कर देता है।हँसने का एक लाभ यह भी है कि यह ब्लड प्रेसर को भी नियंत्रित करता है।हँसना शरीर के श्वसन तंत्र,पेट,पीठ व चहरे की मांसपैसियों को चुस्त दुरुस्त करने बाला वढ़िया व्यायाम है।हँसने से शरीर में रक्त संचरण सामान्य होने के साथ ही एब्डॉमिनल मसल्स की एक्सरसाइज भी होती है। हँसी चेहरे पर उम्र का प्रभाव कम करने में भी सहायक है। विशेषज्ञानुसार; नियमित हँसने से हार्ट अटैक का खतरा भी कम हो जाता है। इसलिए दिनचर्या में प्रतिदिन 15 मिनट हँसना भी शामिल करना चाहिये।यह भरपूर मात्रा में कैलोरी खर्च करने वाला व्यायाम होने के कारण मधुमेह के रोगियों को भी वहुत लाभ पहुँचाता है।इससे मोटापा भी दूर होता है।हँसना जीवन की नीरसता,एकाकीपन,थकान,मानसिक तनाव और शारीरिक दर्दों को भी दूर करने में सहायक है।हँसमुख व्यक्ति अवसाद,मानसिक तनाव,अनिद्रा व नकारात्मक सोच से बचा रह सकता है।इससे कोशिकाओं और अंगों में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुचारु रूप से होती है और यदि कहीं ऑक्सीजन का स्तर कम-ज्यादा है तो हँसने से वह सामान्य हो जाता है।हँसने से मस्तिष्क के दाएँ और बाएँ दोनों भागों की सक्रिय रहते हैं। परिणाम स्वरुप निर्णय क्षमता बढ़ती है और मैमोरी भी शार्प होती है। हँसने से चहरे की ही नही अपितु सम्पूर्ण माँसपेशियों के खिंचाव में आराम मिलता है और शरीर रिलेक्स फील करता है।सबसे बड़ा व दिखाई देने वाला लाभ यह है कि हँसने से सामाजिक दायरा बढ़ता है।आपका लोगो से खुलकर मिलना आगे वढ़कर प्रसन्नता व मुस्कान के साथ गर्म जोशी से बातें करना आपका सामाजिक दायरा वढ़ाने के साथ ही साथ आपका लोगों में क्रेज भी वढ़ाता है।वहीं अगर आप अपने ग्रुप में चुपचाप रहते हैं और लोगों से ज्यादा घुलते-मिलते नहीं हैं तो आपका दायरा सीमित हो जाएगा।और अन्त में मैं यह कहकर अपनी बातों को विराम दूंगा कि खुशमिजाज व्यक्ति ऑफिस, परिवार और दोस्तों में हर जगह पसंद किया जाता है। सामान्य जन जीवन में आप देखते होगें कि ग्रुप में यदि एक व्यक्ति किसी बात पर हँसता है तो उसे देखकर दूसरे भी हँसने लगते हैं।
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