Hindi, asked by BivaSingh, 6 months ago

hasya kavita on covid 19 in Hindi​

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Answered by chinmayjain70
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Answer:

कोरोना अब काहे का रोना है,

अब तो जी भर कर सोना है।

लॉकडाउन में बस खाते जाना है,

खुद बाहर नहीं पर पेट को बाहर लाना है।

घर पर भी मास्क लगाना है,

वर्ना व्यंजनो के फोटो देखकर मुंह मे पानी आना है।

बच्चों को स्कूल नही जाना है,

घर पर पूरा दिन आतंक मचाना है।

महिलाओ को पति का संग पाना है,

इसी बहाने झाड़ू पोछा करवाना है।

कोरोना ने भाई को बहनजी बनाया है,

बहुत से ऋषि मुनियों को जन्माया है।

महिलाओं को मास्टर शेफ बनाया है,

लॉकडाउन में खाना-खजाना याद दिलाया है।

कोरोना ने महिलाओं को ऑनलाइन रेसिपी पढ़ना सिखाया है,

पतियों को भी गृह कार्य में दक्ष बनाया है।

दिन-रात व्हात्सप्प, फेसबूक पर समय खराब करना है,

और पुछते रहना है क्या काम करना है।

हर दिन नेट का डाटा उड़ाना है,

और पूरा दिन आराम फरमाना है।

पत्नियों का टेंशन बढ़ने लगा है,

पतियों का गोरापन खलने लगा है।

कोरोना ऐसा कलयुग लाया है,

मैसेज ही आ सकते है पर मिलने न कोई आया है।

कोरोना ने सबको सात्विक बनाया है,

रामायण और महाभारत का मनन करना सिखाया है।

पत्नियाँ बुझी-बुझी नज़र आ रही है,

गपशप और शॉपिंग की कमी बता रही है।

कोरोना से बचाव में लॉकडाउन का निर्णय आया है,

पत्नी जी ने रोटी गोल बनाने का ऑर्डर फरमाया है।

इस बार ऐसा महीना आया है,

जिसमें रविवार भी अपना अस्तित्व न बचा पाया है।

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