History, asked by santoshkumar040806, 9 months ago

हड़प्पा सभ्यता में आभूषण धारित नारी मृणमूर्तियों को किस प्रकार की
संज्ञा दी गई?​

Answers

Answered by Hemalathajothimani
2

Answer:

Explanation:

प्रस्तर तथा धातु

प्रस्तर तथा धातु की मूर्तियां यद्यपि कम है तथापि वे कलात्मक दृष्टि से उच्चकोटि की है। प्रस्तर मूर्तियों में सर्वाधिक प्रसिद्ध मोहनजोदाड़ो से प्राप्त 'योगी' अथवा 'पुरोहित' की मूर्ति उल्लेखनीय है। योगी के मूंछें नहीं है किन्तु दाढ़ी विशेष रूप से संवारी गयी है। बांये कंधे को ढकते हुए तिपतिया छाप वाली शॉल ओढ़े हुए हैं। योगी के नेत्र अधखुले हैं। उसके निचले होंठ मोटे तथा उसकी दृष्टि नाक के अग्र भाग पर टिकी हुई है। मोहनजोदाड़ो से कुछ अन्य पाषाण निर्मित पशुमूर्तियां भी कलात्मक दृष्टि से उच्च कोटि की हैं। सर्वाधिक उल्लेखनीय श्वेत पाषाण निर्मित एक संयुक्त पशु मूर्ति है जिसमें शरीर भेड़ का तथा मस्तक हाथी का है। हड़प्पा की पाषाण मूतियों में दो सिर रहित मानव मूर्तियां उल्लेखनीय है। धातु मूर्तियों में ढलाई की जिस विधि का प्रयोग किया गया है उसे हमारे प्राचीन साहित्य में 'मधूच्छिष्ट विधि' कहा गया है। इसी से कालान्तर में दक्षिण की 'नटराज मूर्ति' तथा सुल्तानगंज की 'बुद्ध' मूर्ति का निर्माण किया गया।

Similar questions