Have to recite a Hindi poem on earth day...of a great poet and please mention poet's name also
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हंसी-हंसी से बनी मुस्कान मां कहती
मुझसे धरती भी तेरी मां बनी,
खेल- कूद लपक -झपक तु इस पर ही आएगा
सिंचे इसमें जो खून पसीना वो कहलावे किसान।
हंसी-हंसी से बनी मुस्कान, हंसी-हंसी से बनी मुस्कान।
लोट-पोट हो जाऊं इसमें नींद न आवे तो सो जाऊं इसमें,
प्रकृति कि पूजा भगवान का नाम दूजा
इसका जो करें उच्चार वो कहलावे इंसान।
हंसी-हंसी से बनी मुस्कान, हंसी-हंसी से बनी मुस्कान।
-आशिफ अंसारी
मुझसे धरती भी तेरी मां बनी,
खेल- कूद लपक -झपक तु इस पर ही आएगा
सिंचे इसमें जो खून पसीना वो कहलावे किसान।
हंसी-हंसी से बनी मुस्कान, हंसी-हंसी से बनी मुस्कान।
लोट-पोट हो जाऊं इसमें नींद न आवे तो सो जाऊं इसमें,
प्रकृति कि पूजा भगवान का नाम दूजा
इसका जो करें उच्चार वो कहलावे इंसान।
हंसी-हंसी से बनी मुस्कान, हंसी-हंसी से बनी मुस्कान।
-आशिफ अंसारी
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