Political Science, asked by Deepsbhargav, 1 year ago

Hello Everyone... Deeps is Back..

» statue of unity -» लागत 3000 करोड़.

Think about following Sentence.

1st => हमारे पूर्वजों के सम्मान और दुनिया मे अपनी अलग पहचान के लिए ऐ़ैसी पहल होनी चाहिए |

2nd => इसकी लागत (करीब 3000 करोड़) का 1% भी अगर गरीब किसानों पर खर्च होता तो शायद मेरे देश में आज कोई किसान का बेटा अनाथ ना होता |

=)) दिये गये sentence पर अपने विचार बताये

"CONDITION => आप only किसी एक sentence पर अपनी सहमति दे.
(minimum 400 word)

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BrainlyMOSAD: mind blowing questions Bhai.very good question..
jugjugjug: Hnji bhaijaan mind blowing question tha pr answers k samne to hm natmastak h kya khoob likha h dono ne ☺️

Answers

Answered by DevilDoll12
278
Heya !
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★ 15 Months planning

★40 Months Construction

★56 Months Completion

★2 Months Handling by Consortium

→›Output => The Statue of Unity !
________

❑ India became a Record Holder on this diwali with the inauguration of the tallest statue : 182 m high statue which is twice as high as the statue of liberty . Unveiled by the respectable Prime Minister on 31st October , 2018 .

❑ Designed by the Indian Sculptor Ram V. Sutar , this project had been announced on 7th Oct , 2010 when Modi was the C.M of Gujarat . But it's foundation stone was laid in October 2013 , on the auspicious eve of 138th Birth Anniversary of the departed soul .

→» This statue has been built as a tribute to the great soul "Sardar Vallabh Bhai Patel" better called the "Iron Man" . We are all aware of the immense contribution he gave towards uniting our India as a single unit .

→The total estimated cost for its construction is about 2, 989 Crore which is indeed a big amount for a country like India .

➖⭐Talking of its purpose and vision :

★Modi Ji Says "This statue will stand up high not in terms of meters and feet but more in terms of academic , national and spiritual values . My vision is to develop this place as a source of inspiration for ages to come .

★The honourable Chief Minister of Gujarat Sh. Vijay Rupani ji says " This statue is a monument of a Great leader and a visionary . The people as well as the region shall reap the benefits of this ionic creation thereafter "

❑ Though a huge amount has been spent on its construction , but as an estimate it will generate an average of about 15,000 direct jobs for the people every year

❑ The biggest benefit is the amount of revenue it can generate from tourism . It can be a Great international tourism attraction .

❑ Growth in tourism is further linked to the growth of Transports , hotel and restaurants as well as a Great source of income for the local guides .

❑ Also , the location of this statue is among the tribal lands which can be an effective opportunity in bringing tribal people to the mainstream as most of the time what they have faced is just neglect .

‡Its visiting gallery alone has the ability to accommodate about 200 visitors at a go . Also , many other special facilities like the tribal Museum and boating facilities are gonna become the source of attraction ‡

→But in the end , the conclusion remains that everything has both positive as well as the negative effects . A fair share of criticism has been already overhead this project , especially by the tribal ones !! The main part remains that though it may generate a big % of jobs , it would still take a long time to retrieve the amount spend . And this could though prove a blunder for us.

»And Yeah ! There's nothing to talk of respect for ancestors in this purpose ! We are all well aware of the respect we have deep within for them and that is very well visible in the present scenario !

In the words of The Iron Man = " The Negligence of a few can send a ship to the bottom while the whole hearted corporation of all on board can draw it to the shore "

→»So if you have to respect him that can be well done by incorporating his ideas . Building or worshiping of his status won't serve this purpose anyhow !

But ,

Let's Hope for the Best ! The Outcomes are still to be seen .

Jai Jawan!
Jai Kisan!
Jai Hind!

Jai Modi ji xD

#Forgive this Bachi if my views don't match ^^'

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Mankuthemonkey01: She will when she will see your comment. Now just go and wait..You know your comment can disturb others..Hope you understand mate ;)
jugjugjug: Oh great hrr baaf ki trha aapka answer on the OMG level . I really appreciate it and aapka answer dene ka way bhot hi high h i believe this year Punjab's topper yhi hogi hehe
jugjugjug: #prayag
DevilDoll12: प्रशंसा के लिए धन्यवाद _/\_
Answered by Mankuthemonkey01
152
घड़ी खम्मा xD

आपका प्रश्न उचित है और हम आशा करते है कि हमारा उत्तर आपको पूर्णतया: संतुष्ट करने में सफल होगा।

अगर मुझसे पूछा जाये तो मैं दूसरे कथन का पक्ष लेना चाहूंगा।

सर्वप्रथम "स्टेचू ऑफ यूनिटी" के बारे में थोड़ा जान लेते हैं।

=> यह मूर्ति प्राय: सरदार वल्लभभाई पटेल यानी भारत के लौह पुरुष का स्मारक है।

=> 182 मीटर की ऊँचाई के साथ यह विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति का गौरव प्राप्त करती है।

=> हाल ही में, 31 अक्टूबर ( सरदार का जन्मदिवस एवं श्रीमती इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि) को माननीय प्रधानमंत्री ने लोकार्पण किया था।

=> इस मूर्ति से कयास लगाए जा रहें हैं कि विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति होने के कारण यह पर्यटन क्षेत्र में भारत को और आगे बढ़ाने का कार्य करेगी।

अब आपके प्रश्न पर अपने विचार रखते हैं।

प्रथम कथन के अनुसार "हमारे पूर्वजों का सम्मान और दुनिया में अपनी पहचान के लिए ऐसी पहल होनी चाहिये।"

मित्रों अगर पूर्वजों का इतना ही सम्मान करना होता, तो सोशल मीडिया पर महात्मा गांधी, नेहरू, इंदिरा जी, आदि महापुरुषों का अपमान न होता।

इसे मैं देश की विडंबना कहूंगा कि जहां 182 मीटर ऊंची मूर्ति दिखाकर सम्मान की बात कही जाती है, वहीं राष्ट्रपिता का अपमान करने से भारतीय नहीं चूकते।

सरदार खुद गांधीजी का सम्मान करते थे। अगर सरदार का इतना ही सम्मान करना है तो उनके विचारों का भी हो।

रही बात दुनिया मे अलग पहचान की, तो मैं तो कहूंगा कि अमेरिका को सब जानते हैं। इसलिए नहीं की उसके पास स्टेचू ऑफ लिबर्टी है। इसलिए नहीं की उस राष्ट्र के पास एक बड़ा क्षेत्रफल है। बल्कि इसलिए, क्योंकि वह राष्ट्र अपने आप में समर्थ है, विकसित है। विश्व मे पहचान बनाने के लिए मूर्ति नहीं, राष्ट्र का विकसित होना मायने रखता है।

हाँ, ऐसा भी नहीं है कि इस मूर्ति के कारण विश्व में भारत की पहचान में कोई इजाफा नहीं होगा परंतु अगर "गरीब किसानों, गरीब जनता पर अगर इतनी रकम लगाई गई होती" तो ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 150+ रैंक नहीं लाता।

हमारे देश की इस स्थिति को दयनीय नहीं तो क्या कहा जाए! जहाँ पर युवा सोशल मीडिया पर हैशटैग हैशटैग खेलकर अपने आप को जागरूक बताते हैं वहीं जब सच में कुछ करने की बात आये, तो अपना मुंह छुपाने से भी नहीं कतराते।

जहाँ पर लोग शादी-ब्याहो में, जन्मदिन पर 500 लोगों का खाना बनवा सकते हैं, (जिसमे से आधे से ज्यादा तो बच जाता है) पर वही खाना गरीबों के लिए नहीं बनवा सकते।

जहां पर लोग 10,000 के पटाखे छोड़ना अपना गौरव समझते हैं, पर वो 10,000 किसी की भलाई के लिए लगाने को कह दो, तौबा यार, पैसे नहीं है जेब में।

जहां पर लोग किसान को अन्नदाता कहते हैं पर उस अन्नदाता के आत्महत्या करने पर भी विद्रोह नहीं करते। कुछ दिन पहले एक किसान को एक क्विज शो पर टीवी में देखा। दिल से बस एक दुआ निकली थी, जीत जाए इतना कि इनके बेटों को दुख ना देखना पड़े। और वो जीते भी। उन अन्नदाता के जीवन की एक झलक दिखाई थी जिसमें कि कैसे वो दिन में सिर्फ 1 बार, जी सिर्फ 1 बार भोजन करके दूसरों के खाने के लिए वापस खेत पर काम पर जाते थे। सलाम है उन अन्नदाताओं को!

आज अखबार भरा रहता है ऐसी खबरों से-

"पीड़ित किसान ने की आत्महत्या"

मतलब हद है। जो व्यक्ति दूसरों के जीवन की राह है, वो व्यक्ति आत्महत्या करे! और जो इनकी सहायता कर सकता है, वो बैठ के इन्ही अन्नदाताओं की उपज खा खा के अपना पेट भरे और तमाशा देखे?

देश की विडम्बना ऐसी है मित्रों की वो व्यक्ति, जिसका कार्य मैं इस पृथ्वी के मानव जीवन के लिए श्रेष्ठ कहूंगा, वो व्यक्ति अपने बेटों को ऐसे कार्यो से दूर रहने की सीख देता है।
गलती उनकी भी नहीं है।

नेताओं की मार और जनता का दिखावटी प्यार, ये दोनों कभी साथ नही देते।

3000 करोड़
इसका 1 % = 30 करोड़।

कितनी बड़ी रकम है ये अपने आप में। लेकिन देश के किसानों के लिए पर्याप्त नहीं। अन्नदाता दिन-रात एक करके भोजन की व्यवस्था हमारे लिए करते हैं, कभी सोचा है कि उनकी खुद की व्यवस्था होती होगी या नहीं? एक गरीब किसान मुश्किल से 50,000 सालाना कमाते हैं। मुश्किल से! अगर माननीय प्रधानमंत्री जी कुछ करें हमारे अन्नदाताओं के लिए तो यह उनकी बड़ी कृपा होगी।

यही कारण है कि मेरा देश विकासशील है, विकसित नहीं।

सरदार जी अगर आज होते, तो अपनी मूर्ति को देखकर और फिर गरीबों को देखकर विलाप ही कर रहे होते। सरदार ने तो कहा नहीं कि बेटा, मैं मर जाऊं तो तुम लोग मेरी मूर्ति बनाना।

भोली भाली, क्षमा चाहूंगा, आजकल की जनता तो भोली भाली भी नहीं लगती, खैर अब बोलते हैं तो बोलते हैं। भोली भाली जनता को अँधेरे में रखकर वोट लेकर चले गए VIP साहब।

और हां!

विजय माल्या लेकर भागे बैंक का पइसा।
नीरव मोदी भी कम न थे।

अब बेचारा बैंक का करे, किससे लूटे?
फंस गया बेचारा मेरा किसान।

नेताजी बैठे भोजन करने
आयी न दो कौड़ी की सरम।
जिसने दिया भोजन,
उसका बिगाड़ने लगे जीवन।

बैठे बैठे पेट फुलाये।
नेता जी थोड़ा अकुलाए।
बोले आने दो अगला चुनाव,
खेलेंगे झूठे वादों का दांव।

यही है हमारा भारत।

अब शायद मुझे अपनी वाणी को विराम देना चाहिए।

मित्रों, आपसे एक अपील है, अब जब भी खाना खाने बैठना, उन महान अन्नदाताओं का स्मरण अवश्य करना जिनके कारण यह स्वादिष्ट "मां के हाथ का खाना" मिल रहा है।

जय किसान!
जय जवान!
जय विज्ञान!

Mankuthemonkey01: and Neria. Earthlings will be earthling and poor soul will be poor soul :P. xD Thanks though Martian Potterhead xD
ShuchiRecites: Wah mankunji, awsome
Mankuthemonkey01: Thanks for reading wholly ❤️❤️
MsPRENCY: Dil jeet liya Bhai... ♥ SuPerbbb! :Claps:
Mankuthemonkey01: thanks for reading ❤️
MsPRENCY: Mah Pleasure!
jugjugjug: OMG Bhaijaan ye kya tha wah wah maan gye yr kya khoob likha h aapne . Brainly ka potential bta diya esa answer de kr hehe
jugjugjug: #prayag
rishu1168: NIcee
Mankuthemonkey01: thanks
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