Hindi, asked by Abhik05, 11 months ago

HEY BUDDY..... जल प्रदूषण पर निबंध BO SPAM AND NO COPIED ANSWER I NEED....SO SPAMMERS GET LOST....​

Answers

Answered by CutyRuhi
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HEY BUDDY....

☺जल प्रदूषण☺

जल प्रदूषण, से अभिप्राय जल निकायों जैसे कि, झीलों, नदियों, समुद्रों और भूजल के पानी के संदूषित होने से है। जल प्रदूषण, इन जल निकायों के पादपों और जीवों को प्रभावित करता है और सर्वदा यह प्रभाव न सिर्फ इन जीवों या पादपों के लिए अपितु संपूर्ण जैविक तंत्र के लिए विनाशकारी होता है।जल प्रदूषण का मुख्य कारण मानव या जानवरों की जैविक या फिर औद्योगिक क्रियाओं के फलस्वरूप पैदा हुये प्रदूषकों को बिना किसी समुचित उपचार के सीधे जल धारायों में विसर्जित कर दिया जाना है। जल में विभिन्न प्रकार के हानिकारक पदार्थों के मिलने से जल प्रदूषण होता है।प्लास्टिक कचरे के बढ़ते बोझ को कम करने के लिए पुनर्चक्रण करके उसका दोबारा उपयोग करना ही सबसे बेहतर तरीका माना जाता है। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए भारतीय वैज्ञानिकों ने पानी को शुद्ध करने के लिए प्लास्टिक कचरे के उपयोग का एक नया तरीका खोज निकाला है।

लखनऊ स्थित भारतीय विष-विज्ञान अनुसंधान संस्थान के शोधकर्ताओं ने प्लास्टिक कचरे से चुंबकीय रूप से संवेदनशील ऐसी अवशोषक सामग्री तैयार की है, जिसका उपयोग पानी से सीफैलेक्सीन नामक जैव प्रतिरोधक से होने वाले प्रदूषण को हटाने में हो सकता है।वैज्ञानिकों ने पॉलिएथलीन टेरेफ्थैलेट (पीईटी) के कचरे को ऐसी उपयोगी सामग्री में बदलने की प्रभावी रणनीति तैयार की है, जो पानी में जैव-प्रतिरोधक तत्वों के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करने में मददगार साबित हो सकती है। इस तकनीक से प्लास्टिक अपशिष्ट का निपटारा होने के साथ-साथ जल प्रदूषण को भी दूर किया जा सकेगा।

अध्ययनकर्ताओं में शामिल डॉ प्रेमांजलि राय ने इंडिया साइंस वायर को बताया कि “आसपास के क्षेत्रों से पीईटी रिफ्यूज एकत्रित कर नियंत्रित परिस्थितियों में उन्हें कार्बनीकरण एवं चुंबकीय रूपांतरण के जरिये चुंबकीय रूप से संवेदनशील कार्बन नैनो-मैटेरियल में परिवर्तित किया गया है।”

Hope it helps you dude...❤❤❤


Abhik05: Thanku thank u thank u....
CutyRuhi: Welcome
Answered by rakhi886
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जल प्रदूषण, से अभिप्राय जल निकायों जैसे कि, झीलों, नदियों, समुद्रों और भूजल के पानी के संदूषित होने से है। जल प्रदूषण, इन जल निकायों के पादपों और जीवों को प्रभावित करता है और सर्वदा यह प्रभाव न सिर्फ इन जीवों या पादपों के लिए अपितु संपूर्ण जैविक तंत्र के लिए विनाशकारी होता है।

I can write this much only...


Abhik05: ok thanks its nice
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