Hindi, asked by Anonymous, 11 months ago

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write an essay on the topic आधुनिक विज्ञान का प्रगति

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Answers

Answered by mushtaqali199162
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Explanation:

आवश्यकता आविष्कार की जननी है । मानव-सभ्यता जैसे जैसे उन्नति के उच्च शिखर पर चढ़ती जाती है, मनुष्य की आवश्यकताओं का क्षेत्र भी उसी मात्रा में विशाल होता जाता है । असंतोष जीवन का दूसरा नाम है, इस कारण मनुष्य अपनी वर्तमान परिस्थिति में संतुष्ट न रहकर नित्य-नवीन सुख की कल्पना करता है ।

जहाँ कल का मनुष्य अपने को पैदल यात्रा या कार अथवा रेल की यात्रा से बढ़कर वायुयान के आनंद को ही सर्वोपरि समझ रहा था, वहाँ अब ‘मंगल ग्रह’ की रॉकेट-यात्रा की केवल बातें ही नहीं हो रहीं हैं बल्कि भावी यात्रा के लिए रॉकेट में स्थान भी सुरक्षित किए जा रहे हैं ।

यही नहीं, वस्त्रों के प्रयोग तथा खाद्य पदार्थो के संबंध में भी नए-नए अनुसंधान हो रहे हैं । सिनेमा का स्थान टेलीविजन लेता जा रहा है । धातुओं के स्थान पर प्लास्टिक का अधिकाधिक प्रयोग हो रहा है । प्लास्टिक ने तो चिकित्सा के क्षेत्र में भी ‘प्लास्टिक सर्जरी’ के रूप में अपूर्व कार्य किया है ।

अखरोट से पीतल की वार्निश का आविष्कार हुआ है । चिकित्सा के क्षेत्र में भारत का अद्‌भुत योगदान है । ‘सर्पगंधा’ नामक जड़ी को रक्तचाप की अपूर्व औषध माना गया है । विज्ञान ने मानव जीवन के संकटों को बहुत कम कर दिया है । कुक्कुरखाँसी के लिए भी अब तक कोई प्रभावशाली उपचार न था ।

राष्ट्र के कितने होनहार भावी नागरिक इस भीषण रोग के शिकार होकर अल्पावस्था में ही काल गाल में समा जाते थे । अब ‘एरोस्पोरिन’ नामक पदार्थ से इस रोग को काफी मात्रा में दूर किए जा सकता है । यह ‘एंटीबॉयोटिक’ पदार्थ इंग्लैंड के ‘सरे’ नामक स्थान की मिट्‌टी में उपलब्ध है ।

मिट्‌टी से रोग दूर करने के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग हो रहे हैं । ‘क्लोरोमाइस्टीन’ जैसी उपयोगी औषध का निर्माण भी वेनेजुएला के एक खेत की मिट्‌टी से हुआ । छुतैले द्रव्यों से होनेवाले जुकाम, इन्फ़्लुएंजा, पीला बुखार आदि रोगों के उपचार के लिए भी मिट्‌टी पर प्रयोग हो रहे हैं और सफलता भी प्राप्त हुई है ।

कैंसर के रोगी जब असाध्यावस्था में पहुँचकर पीड़ा से तड़पने लगते हैं, उस समय इस पीड़ा से मुक्त करने के लिए उन्हें ‘मार्फीन’ के इंजेक्शन दिए जाते थे । इस मार्फीन का निर्माण ‘अफीम’ से हुआ है । इसी उद्‌देश्य के लिए अफीम से एक ओर ‘मेटापोन’ नामक ओषधि का निर्माण किया गया है, जो मार्फीन से अधिक शक्तिशाली है ।

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