Hindi, asked by akashmadisetty, 8 months ago

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Answered by LastShinobi
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Answer:

कर्नल कालिंज का खेमा जंगल में क्यों लगा हुआ था?

सवार ने क्यों कहा कि वज़ीर अली की गिरफ़्तारी बहुत मुश्किल है?

कारतूस नाटक में कितने पात्र हैं ?

“मुट्ठीभर आदमी और इतना दमखम।“ इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए |

सआदत अली को अवध के तख्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का क्या मकसद था ?

लेफ़्टीनेंट को ऐसा क्यों लगा कि कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई है ?

वज़ीर अली एक जाँबाज़ सिपाही था, कैसे? स्पष्ट कीजिए।

सवार कर्नल से एकांत में बात क्यों करना चाहता था?

लेफ्टिनेंट द्वारा पूछे जाने पर कर्नल ने वज़ीर अली के विषय में कर्नल ने क्या बताया?

वजीर अली ने किस प्रकार कारतूस हासिल किए ?

कारतूस-हबीब तनवीर

(उत्तरमाला)

कर्नल कांलिज ने वज़ीर अली को गिरफ़्तार करने के लिए जंगल में खेमा लगाए हुए था ।

सवार खुद वज़ीर अली था जो कि बहुत बहादुर था और शत्रुओं को ललकार रहा था।

कारतूस नाटक में मुख्य पात्र कर्नल, लेफ्टिनेंट, सिपाही तथा सवार (वज़ीर अली) हैं |

इस पंक्ति में वज़ीर अली के साहस और वीरता का परिचय है। वह थोड़े से सैनिकों के साथ जंगल में रह रहा था। अंग्रेज़ों की पूरी फ़ौज उसका पीछा कर रही थी फिर भी उसे पकड़ नहीं पा रही थी।

सआदत अली आराम पसंद अंग्रेज़ों का पिट्ठू था। अंग्रेज़ कर्नल द्वारा उसे तख्त पर बिठाने का मकसद अवध की धन सम्पत्ति पर अधिकार करना था। उसने अंग्रेज़ों को आधी सम्पत्ति और दस लाख रूपये दिए। इस तरह सआदत अली को गद्दी पर बैठने से उन्हें लाभ ही लाभ था।

लेफ़्टीनेंट को जब कर्नल ने बताया कि कंपनी के खिलाफ़ केवल वज़ीर अली ही नहीं बल्कि दक्षिण में टीपू सुल्तान, बंगाल में नवाब का भाई शमसुद्दौला भी है। इन्होंने अफ़गानिस्तान के बादशाह शाहेज़मा को आक्रमण के लिए निमत्रंण दिया है। यह सब देखकर लेफ़्टीनेंट को आभास हुआ कि कंपनी के खिलाफ़ पूरे हिन्दुस्तान में लहर दौड़ गई है।

वज़ीर अली को अंग्रेज़ों ने अवध के तख्ते से हटा दिया पर उसने हिम्मत नहीं हारी। वज़ीफे की रकम में मुश्किल डालने वाले कंपनी के वकील की भी हत्या कर दी। अंग्रेज़ों को महीनों दौड़ाता रहा परन्तु फिर भी हाथ नहीं आया। अंग्रेज़ों के खेमे में अकेले ही पहुँच गया,कारतूस भी ले आया और अपना सही नाम भी बता गया। इस तरह वह एक जाँबाज़ सिपाही था।

सवार कर्नल से एकांत में बात इसलिए करना चाहता था ताकि कोई अन्य व्यक्ति सुन न ले |वास्तव में वह सवार स्वयं वजीर अली था|साहस और चतुराई का जो खतरनाक खेल खेलने के लिए वह खेमे में आया था,उसके लिए एकांत जरूरी था |

लेफ्टिनेंट द्वारा पूछे जाने पर कर्नल ने वज़ीर अली की स्कीम बताते हुए कहता है कि वे किसी तरह नेपाल पहुँचना चाहते हैं। उनकी योजना है कि अफ़गानी हमले का इंतज़ार करें तथा ताक़त बढ़ाएँ। वह सआदत अली को उसके पद से हटाकर खुद कब्ज़ा करे और अंग्रेज़ों को हिन्दुस्तान से निकाल दे। लेफ्टिनेंट अपनी शंका जताते हुए कहता है कि हो सकता है की वे लोग नेपाल पहुँच गए हों जिसपर कर्नल उसे भरोसा दिलाते हुए बताता है कि अंग्रेजी और सआदत अली की फौजें बड़ी सख्ती से उनका पीछा कर रही हैं और उन्हें पता है कि वह इन्हीं जंगलों में है।

एक सिपाही आकर कर्नल को बताता है कि दूर से धूल उड़ती दिखाई दे रही है लगता है कोई काफिला चला आ रहा हो। कर्नल सभी को मुस्तैद रहने का आदेश देता है। लेफ्टिनेंट और कर्नल देखते हैं कि केवल एक ही आदमी है। कर्नल सिपाहियों से उसपर नजर रखने को कहता है। घुड़सवार उनकी ओर आकर रुक जाता है और इज़ाज़त लेकर कर्नल से मिलने अंदर जाता है और एकांत की माँग करता है जिसपर कर्नल सिपाही और लेफ्टिनेंट को बाहर भेज देते हैं। वह कर्नल से कहता है कि वज़ीर अली को पकड़ना कठिन है और कारतूस की माँग करता है। कर्नल उसे कारतूस दे देता है। जब वह कारतूस लेकर जाने लगता है तो कर्नल उससे उसका नाम पूछता है। वह अपना नाम वज़ीर अली बताता है और कारतूस देने के कारण उसकी जान बख्शने की बात कहता है।

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