Hindi, asked by vhnbi47678877, 19 days ago

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विवादी : परिभाषा

जिस स्वर को राग में लगाने से राग का स्वरुप बिगड़ जाये, अर्थात राग में न प्रयोग किए जाने वाले स्वरों को विवादी कहते हैं. इसे राग का शत्रु भी कहते हैं. प्रचार में यह वर्ज्य या वर्जित स्वर कहलाता है.

कभी-कभी राग की सुंदरता बढ़ाने के लिए विवादी स्वर का क्षणिक प्रयोग भी किया जाता है ऐसा करते समय बड़ी सावधानी की आवश्यकता होती है अन्यथा राग के बिगड़ने की संभावना रहती है।

१. विवादी स्वर का उपयोग उस समय करना चाहिए जबकि राग के रंजकता में वृद्धि हो। केवल प्रयोग के लिए प्रयोग न करना चाहिए अन्यथा राग हानि होगी। बिहारग में तीव्र म विवादी स्वर है विवादी स्वर के प्रयोग करने से राग हानि नहीं होती बल्कि उसके गलत प्रयोग करने से राग हानि अवश्य होती है।

२. विवादी स्वर का अल्प प्रयोग होना चाहिए। ऐसा न करने से विवादी अनुवादी हो जाएगा।

३. विवादी के प्रयोग से राग का मूल स्वरूप किसी भी अंश में नहीं बिगड़ना चाहिए।

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