"Himalaya bachao polythene hatao "essay.Give ur views on this topic
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पॉलिथीन जानलेवा है यह जीवन के लिए ज़हर है पॉलिथीन से निकलने वाली ज़हरीली गैसें हवा के साथ मिलकर उसे ज़हरीला बनाती हैं। पानी में फेंके जाने पर ये जलचक्र में बाधक होकर बादल बनने से रोकता है पानी के जीवों के असमय मौत का कारण बनता है। खुले में पॉलिथीन का फेंका जाना और भी खतरनाक है। यह मिट्टी को भुरभुरी कर देता है और पशुओं की मौत का कारण भी पॉलिथीन ही बनता है।
नदी , नहरों , झीलों और तालाबों में हम न जाने कितना सारा पॉलीथीन अन्य समाग्रियों के साथ बहा देते हैं जिससे पानी दूषित हो जाता है और बचा हुआ पॉलीथीन पानी में रहने वाले प्राणी अनजाने में निगल जाते हैं और मर जाते हैं। सन 2005 में इसी पॉलीथीन के कारण नालों का पानी अवरुद्ध होने से आधी मुम्बई पानी में डूब गयी थी। इसीलिए हमें पॉलीथीन से परहेज करना चाहिए और इसे फेंकने की वजाय जला देना चाहिए।
प्लास्टिक प्रदूषण का समाधान
पॉलीथीन को इस्तेमाल करने से बचें इसकी जगह कागज और कपड़े का प्रयोग करना चाहिए। रंग बिरंगे पॉलीथीन वैसे ही कैंसर जनक रसायनों से बनते हैं और काले रंग के पॉलीथीन में तो सबसे ज्यादा हानिकारक रसायन होते हैं जो बार बार पॉलीथीन के चक्रण से बनते हैं।
इसीलिए हमें प्लास्टिक प्रदूषण की गंभीरता को समझना होगा और जमीन पर फेंके गए प्लास्टिक का निपटारा किया जाना चाहिए क्योंकि यदि प्लास्टिक जमीन में धस जाए तो यह कभी नहीं गलती और यह मिट्टी के पौष्टिक तत्वों को भी नष्ट कर देती है।
इन बातों को अपनी रोजाना की जिन्दगी में अपनाकर ही हम प्लास्टिक प्रदूषण को धीरे समाप्त कर सकते हैं , इसीलिए अपनी आदतों को सुधारकर ही हम प्रदूषण की बढती हुई समस्या को खत्म कर सकते हैं अब समय आ गया है के हम अपनी बुरी आदतों को छोड़ कुछ जीवन सुधारक कदम उठाकर अपनी आने वाली भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक बेहतर जीवन सुनिश्चत कर सकते हैं।
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भारत रक्षक बना हिमालय ,पर उसके प्राण भी संकट में I
दी जिसने गंगा सी नदी डूब रही वो प्रदुषण में II
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होकर उससे ही बदहाल, रो रहा आज हिमालय विशाल II
भाई और बहना देर न कर तुझे है जागना I
प्लास्टिक हटाओ बचाओ हिमालय 'ये तो है घर घर का शिवालयII
हिमालय की पहाड़ियों से लेकर सभी स्थलों पर प्लास्टिक के कचरे का ढेर जमा हो रहे हैं। यह हिमालय और उसकी पहाड़ियों के लिए सबसे घातक सिद्ध हो रहा है। पॉलीथिन पर पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद उसका धड़ल्ले से प्रयोग हो रहा है। पॉलीथिन का यह कचरा पहाड़ियों के झरनों, झीलों नदियों को प्रदूषित करने का काम कर रहा है। हमारे पर्यावरण को सबसे ज्यादा नुकसान पॉलिथीन पहुंचा रहा है। इसलिए सभी को पॉलीथिन का प्रयोग बिलकुल बंद करना होगा।पॉलिथीन से ज़मीन भी बंजर हो जाती है I अगर यह हालत रही तो ये दिन दूर नहीं की लोग पानी पानी को मोहताज और अछे वातावरण के मोहताज हो जायेंगे I अतः मैं यह कहना चाहूंगी जन जन में जागरूकता लानी होगी होगी और प्लास्टिक मुक्त भारत बनाना होगा I तभी हमारा भविष्य सुरक्षित होगा I