hindhi essay on pot makers
Answers
कुम्हार
मिट्टी के बर्तन व खिलौने बनाने वाले को कुम्हार कहते है। कुम्हार मेहनत करके दूर-दूर से अच्छी मिट्टी इकट्ठी कर लाता है। फिर मिट्टी में से कंकड़-पत्थर हटा देता है। फिर मिट्टी में पानी डालकर उसे रौंदकर उसे मनचाहा आकार देने के लिए उसमें नमी पैदा करता है। बर्तन बनाने के लिए वह जिस यंत्र का इस्तेमाल करता है, उसे चाक कहते है। कहा जाता है कि, यंत्रों में कुम्हार के चाक का सबसे पहले आविष्कार हुआ। कुम्हार चाक पर मिट्टी को रखता है और फिर चाक घुमाता है। और अपनी उँगलियों से और हथेली की थपकियों से मिट्टी को मनचाहा आकार देता है। और मिट्टी से अच्छे-अच्छे सुंदर बर्तन, घड़े व खिलौने बनाता है।
कुम्हार के मटके में पानी अधिक शीतल रहता है, जो गर्मी के मौसम में लोगों को संतुष्ट कराता है। दीवाली के त्योहार में मिट्टी के दीए ही दीप जलाने के लिए श्रेष्ठ माने जाते हैं। इसलिए हमें कुम्हार को सम्मान देना चाहिए।