hindi 20 kathin shabd in Hindi
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हिंदी एक सरल और तार्किक भाषा है। इसमें बोले जाने वाले लम्बे शब्द अधिकतर कुछ उपसर्गों, प्रत्ययों और अन्य शब्दों से मिलकर बने होते हैं, जिन्हें पहली बार सुनकर भी हम उनके अर्थ का अंदाज़ा लगा सकते हैं। भाषा के नियम भी लग-भग हमेशा समान रहते हैं, यानी कि अंग्रेज़ी की तरह अव्यवस्था से भरे हुए नहीं हैं।
देवनागरी के ध्वन्यात्मक होने के कारण आप हर शब्द पढ़कर बिल्कुल सही बोल सकते हैं, इसमें कोई दो राय नहीं हैं। परन्तु, संस्कृत से उद्गमित होने के कारण हिंदी के कुछ शब्द बोलने में बहुत कठिन होते हैं। उदाहरण के लिए, देखिये यह 20 हिंदी शब्द –
किंकर्तव्यविमूढ़
संधि-विच्छेद = किम् (क्या) + कर्तव्य (कार्यभार या ज़िम्मेदारी) + विमूढ़ (असमंजस की स्थिति)
अर्थ = अवाक रह जाना, पशोपेश में पढ़ना।
वह बकरी और भेड़िये की कहानी याद है ना आपको, जिसमें हम लोगों ने पहली बार यह शब्द पढ़ा था? तब ‘किंकर्तव्यविमूढ़’ कहना एक कौतूहल का विषय बन जाया करता था। आज भी इसे एक बार में बिना अटके बोल लेने पर आपको गौरव की अनुभूति तो ज़रूर होती होगी। इस शब्द का इस्तेमाल तब किया जाता है जब कर्ता चकित होने के कारण यह निर्णय नहीं ले पाता है कि उसे क्या करना चाहिए।
अभियांत्रिकी
संधि-विच्छेद = अभि (के बारे में) + यन्त्र (Machine) + इक (का/की) + ी (स्त्रीलिंग-सूचक)
अर्थ = यंत्रो के बारे में (इंजीनियरिंग)
आप इस शब्द को पढ़कर यह अंदाजा लगा सकते हैं, कि अधिकतर लोग ‘इंजीनियरिंग’ को हिंदी में बोलना क्यों पसंद नहीं करते।
समन्वय
संधि-विच्छेद = सम् (समान) + अनु (साथ) + अय (चलने वाला)
अर्थ = तालमेल बैठना।
सैनिकों के पथ संचलन के लिए, टीम को एक साथ काम करने का आदेश देने के लिए या ऐसे ही अन्य कामों में, जहाँ कई लोगों को ताल-मेल बिठाते हुए काम करना हो, वहाँ समन्वय शब्द का प्रयोग किया जा सकता है।
सकारात्मकता
संधि-विच्छेद = सु (अच्छा) + कार्य (काम) +आत्मकता (से सम्बंधित)
अर्थ = किसी संभावित कार्य या घटना के लिए आशावादी दृष्टिकोण रखना।
सकारात्मक एक तद्भव शब्द है, जो निश्चित रूप से सुकार्यात्मक से बिगड़कर बना है। ‘स’ या ‘सु’ उपसर्ग का प्रयोग ‘अच्छा’ के लिए किया जाता है। सकारात्मकता आशावाद का सूचक है।
भग्नावशेष
संधि-विच्छेद = भग्न (टूटे हुए) + अवशेष (टुकड़े या हिस्से)
अर्थ = किसी वस्तु या अट्टालिका के टूटे हुए हिस्से
यह शब्द भग्न और अवशेष से मिलकर बना है और इसका प्रयोग प्रायः पुरातत्व (प्राचीन) काल की वस्तुओं, जो कि अब जर्जर अवस्था में हैं, के लिए किया जाता है। हालांकि, यह कोई नियम नहीं है, इसीलिए आप किसी भी वस्तु के टूटे हुए हिस्सों को इंगित करने के लिए ‘भग्नावशेष’ शब्द प्रयोग में ला सकते हैं।
असहिष्णु
संधि-विच्छेद = अ (नहीं) + सहिष् (सहन करना)+ नु (वाला)
अर्थ = जिसमें सहनशीलता नहीं हो।
भारत को एक सहिष्णु देश कहा जाता है। यह शब्द बस इसी सहिष्णुता के विलोम अर्थ को प्रतिनिधित्व करता है। ‘अ’ उपसर्ग लगाकर किसी शब्द में नकारात्मकता लायी जा सकती है। जो सहिष्णु, अर्थात सहनशील ना हो, उसे असहिष्णु कहते हैं।
अथाह
संधि-विच्छेद = अथ (लगातार / अनंत) + अह (विस्मय)
अर्थ = विस्मय करने योग्य गहरा / बहुत (अनंत रूप से गहरा)
तीन अक्षरों का यह शब्द देखने में भले ही सरल लगे, परन्तु सच इसका उल्टा ही है। जहाँ ‘थ’ दंत्य वर्ण (दांतों से बोला जाने वाला) है, वहीं ‘ह’ कंठ्य वर्ण (गले से बोला जाने वाला) है, जिसके कारण आपको इसे बोलने में ‘अथाह’ परेशानी हो सकती है। अथाह का अर्थ गहन या ‘अंतहीन रूप से गहरा’ होता है।
क्लिस्ट
अर्थ = जटिल
क्लिस्ट का मतलब होता है ‘कठिन’। यह विशेषण उन शब्दों के लिए प्रयोग किया जाता है, जिन्हें बोलने में कठिनाई आती हो। कुछ भी हो, यह शब्द अपने नाम को सार्थक करने में पूरी तरह सफल है, इस बात से तो आप भी सहमत होंगे?
अट्टालिका
अर्थ = किसी उंच्ची इमारत का ऊपरी कक्ष या हिस्सा।
गगनचुम्बी या आकाश के समान ऊंचाई वाली इमारतों या रचनाओं के लिए अट्टालिका शब्द का इस्तेमाल होता है। यह किसी मीनार या ऊँची रचना की सबसे ऊंची वह जगह है, जहाँ चढ़कर सबसे दूर तक का दृश्य दिखाई दे सकता है।
गरिष्ठ
संधि-विच्छेद = गर (बाहर) + इष्ठ (बलपूर्वक)
अर्थ = कठिनाई से पचने वाला।
गरिष्ठ शब्द को अधिकतर भोजन के सन्दर्भ में प्रयोग किया जाता है। वह भोजन जिसे अधिक घी, तेल, या मलाई से पकाया गया हो और पचाने में सम्भवतः कठिनाई हो, उसे गरिष्ठ श्रेणी में रखा जाता है।
जिजीविषा
अर्थ = जीवित रहने की इच्छा।
जीवित रहने के लिए जिजीविषा, यानी जीने की इच्छा और जिंदगी के प्रति उत्साह होना ज़रूरी है। इच्छाशक्ति या जीवट को दर्शाने वाला शब्द बोलने में थोड़ा कठिन तो है पर सुनने में उतना ही अच्छा भी लगता है।
अग्रज
संधि-विच्छेद = अग्र (आगे) + अज (पथ-प्रदर्शक)
अर्थ = बड़ा भाई
अग्रज शब्द का प्रयोग बड़े भाई के लिए किया जाता है। यह ‘अग्र’ से बना है, जिसका अर्थ होता है आगे। इसी के समान, बड़ी बहन को अग्रजा, छोटे भाई को अनुज और छोटी बहन को अनुजा कहा जाता है।
प्रारब्ध
संधि-विच्छेद = प्र (अधिकता) + आरब्ध (जिसकी शुरुआत हो चुकी हो)
अर्थ = नियति
प्रारब्ध ऐसी घटनाओं के लिए प्रयोग किया जाता है जो प्रकृति द्वारा पूर्व-निर्धारित हों या माना जाए कि भाग्य में लिखा हुआ हो। उदाहकरण के लिए – रावण का प्रारब्ध राम के हाथों मृत्यु ही था।
नैसर्गिक
संधि-विच्छेद = नै (नया) + सर्गिक = स्वर्गिक (स्वर्ग का)
अर्थ = प्राकृतिक या जिसमे कोई बदलाव या मिलावट न की गयी हो।
इसको ज्यादातर एक विशेषण की तरह उपयोग में लाया जाता है। नैसर्गिक का अर्थ है, प्रकृति द्वारा प्रदत्त (दिया हुआ)। ‘नैसर्गिक सौंदर्य’, ‘नैसर्गिक प्रतिभा’, या ऐसे ही अन्य शब्दांश आपको आसानी से कई जगह पढ़ने को मिल जाएंगे।
तारतम्य
संधि-विच्छेद = तार (पंक्ति) + तम्य (पिरोना)
Answer:
युद्धाशव
Explanation:
सन्धि विच्छेद