Hindi
class 10
Kshitij
sarveshwar Dayal Saxena (Manviya Karuna ki Divya chamak)
•please answer the given questions{all the parts}.
•spam answers will be reported.
•refer to the attachment for questions.
Answers
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए– फादर को जहरबाद से नहीं मारना चाहिए था | जिसकी रगों में दूसरों के लिए मिठास भरे अमृत के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं था उसके लिए इस जहर का विधान क्यों हो? यह सवाल किस ईश्वर से पूछें? प्रभु की आस्था ही जिसका अस्तित्व था, वह देह की इस यात्रा की परीक्षा उम्र की आखरी देहरी पर क्यों दे ?
(क) लेखक ऐसा क्यों कहता है कि फादर को जहरबाद से नहीं मारना चाहिए था ?
उत्तर : लेखक ऐसा इसीलिए कहता है कि फादर को जहरबाद से नहीं मारना चाहिए था क्योंकि, जिसके मन में दूसरों के लिए मिठास भरे अमृत के अतिरिक्त कुछ भी नहीं था, उन्होंने कभी किसी का बुरा नहीं किया, कभी किसी के प्रति द्वेष की भावना नहीं रखी, ना किसी का गलत किया, तो फिर उन्हें जहर देकर क्यों मारा ?
(ख) 'प्रभु की आस्था ही जिसका अस्तित्व था' वाक्य से फादर के व्यक्तित्व की किस विशेषता का परिचय प्राप्त होता है ?
उत्तर : ' प्रभु की आस्था की जिसका अस्तित्व था | ' इस वाक्य में फादर की यह विशेषता का परिचय प्राप्त होता है कि – उन्होंने कभी किसी का बुरा नहीं किया और वह प्रभु की आस्था सच्चे दिल से रखते थे | उन्होंने प्रभु की आस्था में भी अपनी कोई खामियां नहीं दी |
(ग) ' उम्र की आखरी देहरी ' कथन में लेखक का क्या अभिप्राय है ?
उत्तर : यह कथन 'उम्र की आखरी देहरी' में लेखक का यह अभिप्राय है कि – फादर की उम्र गुजर चुकी थी और वाह उनके जिंदा रहने की आखरी पल थी| यानी वे बहुत बुजुर्ग हो चुके थे , और उनकी मरने की उम्र पास आ चुकी थी |
Answer:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए– फादर को जहरबाद से नहीं मारना चाहिए था | जिसकी रगों में दूसरों के लिए मिठास भरे अमृत के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं था उसके लिए इस जहर का विधान क्यों हो? यह सवाल किस ईश्वर से पूछें? प्रभु की आस्था ही जिसका अस्तित्व था, वह देह की इस यात्रा की परीक्षा उम्र की आखरी देहरी पर क्यों दे ?
(क) लेखक ऐसा क्यों कहता है कि फादर को जहरबाद से नहीं मारना चाहिए था ?
उत्तर : लेखक ऐसा इसीलिए कहता है कि फादर को जहरबाद से नहीं मारना चाहिए था क्योंकि, जिसके मन में दूसरों के लिए मिठास भरे अमृत के अतिरिक्त कुछ भी नहीं था, उन्होंने कभी किसी का बुरा नहीं किया, कभी किसी के प्रति द्वेष की भावना नहीं रखी, ना किसी का गलत किया, तो फिर उन्हें जहर देकर क्यों मारा ?
(ख) 'प्रभु की आस्था ही जिसका अस्तित्व था' वाक्य से फादर के व्यक्तित्व की किस विशेषता का परिचय प्राप्त होता है ?
उत्तर : ' प्रभु की आस्था की जिसका अस्तित्व था | ' इस वाक्य में फादर की यह विशेषता का परिचय प्राप्त होता है कि – उन्होंने कभी किसी का बुरा नहीं किया और वह प्रभु की आस्था सच्चे दिल से रखते थे | उन्होंने प्रभु की आस्था में भी अपनी कोई खामियां नहीं दी |
(ग) ' उम्र की आखरी देहरी ' कथन में लेखक का क्या अभिप्राय है ?
उत्तर : यह कथन 'उम्र की आखरी देहरी' में लेखक का यह अभिप्राय है कि – फादर की उम्र गुजर चुकी थी और वाह उनके जिंदा रहने की आखरी पल थी| यानी वे बहुत बुजुर्ग हो चुके थे , और उनकी मरने की उम्र पास आ चुकी थी |