hindi essay on beti bachao beti badhao
Answers
तोह आज का निबद्ध का विषय है "बेटी पदाओ बेटी बचाओ".यह विषय काफी मज़ेदार है. में सिर्फ ज़रूरी बात लिखूंगी.अगर आपको एस्से चाहिए तोह आप उसे कृपया करके बड़ा लीजिये ग.
बेटियां देवी की रूप होते है.उन्हें तकलीफ देने का हमारा कोई हक़ नहीं है.उन्हें लक्लीफ देने का मतलब है देवियों का असम्मान करना.
हम पहले के जमसे से शुरुवात करेंगे.
पहले सिर्फ लड़कों को पढ़ाया जाता था.उस्वक़्त लड़कियों को ज़्यादा महत्व नहीं दिया जाता था.उन्हें पड़ ने का कोई हक़ नहीं था.वह सिर्फ घर के काम करते थे.
अब हम आज के ज़माने के बात करेंगे .
आज के ज़माने में लड़कियां भी पढ़ाई की उतनीही हकदार है जितने की लड़के है.उन्हें भी पड़ने का पूरा हक़ है.आज भी ऐसे कुछ लोग है जो लड़कियों को पड़ ने से रोकते है.
लड़कियों को पड़ हाना बहुत ज़रूरी है.हम अपने देश की बेटियों को पड़ हाकर उनिकी रक्षा भी कर पाएंगे.वह गर शिक्षित होंगे तोह खुदके रक्षा कर पाएंगे.
इस तरह से हम उन्हें पड़ा कर उन्हें बचा पाएंगे.
तोह आज आइये हम सब प्रण लेते है की इस देश की साड़ी बेटियों को पड़ा कर उन्हें बचाएंगे.
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ |
Explanation:
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत जिले में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नामक एक योजना शुरू की। योजना का मुख्य उद्देश्य पूरे भारत में बालिकाओं को बचाना और शिक्षित करना था। हरियाणा में इस योजना को शुरू करने का कारण यह था कि अन्य राज्यों की तुलना में इस विशेष राज्य में महिला लिंग अनुपात सबसे कम है। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल करते हुए, बाल यौन अनुपात में 100 चुने हुए जिलों में एक संघीय अभियान और केंद्रित बहु-क्षेत्रीय आंदोलन के माध्यम से इसे निष्पादित किया जा रहा है। इस योजना का अनुमान 12 वीं पंचवर्षीय योजना के पूरा होने पर लगाया जाएगा ताकि इसके प्रभाव का मूल्यांकन किया जा सके और उपचारात्मक कदम उठाया जा सके |
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