Hindi essay on Gandhi Jayanti 250 words
Answers
Answered by
16
गाँधी जयंती पर निबंध 4 (250 शब्द)
मोहनदास करमचन्द गाँधी के जन्म दिवस को चिन्हित करने के लिये 2 अक्टूबर को हर वर्ष पूरे भारत में मनाये जाने वाला राष्ट्रीय अवकाश है गाँधी जयंती। वह भारत के राष्ट्रपिता तथा बापू के रुप में प्रसिद्ध है। ये उपाधि उन्हें आधिकारिक रुप से प्राप्त नहीं है क्योंकि किसी को भी राष्ट्र के पिता के रुप में स्थान देना भारत के संविधान में उल्लिखित नहीं है। 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में महात्मा गाँधी के जन्म दिवस को घोषित किया गया। गाँधी जयंती पूरे भारत में राष्ट्रीय अवकाश के रुप में जबकि पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में को मनाया जाता है।इस दिन पूरे देशभर में स्कूल और सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं। इसे पूरे भारत के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में मनाया जाता है। ये भारत (स्वत्रंता दिवस-15 अगस्त, गणतंत्र दिवस-26 जनवरी) के 3 में से एक राष्ट्रीय कार्यक्रम के रुप में मनाया जाता है। नई दिल्ली में गाँधी स्मारक (दाह संस्कार) पर राजघाट पर सरकारी अधिकारियों के द्वारा श्रद्धांजलि, प्रार्थना सेवा के रुप में जैसे कुछ महत्वपूर्णं गतिविधियों सहित इसे चिन्हित किया जाता है। दूसरे क्रियाकलाप जैसे प्रार्थना, सभा, स्मरणीय समारोह, नाट्य मंचन, भाषण व्याख्यान (अहिंसा के विषय-वस्तु पर,शांति की स्तुति करना तथा भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में गाँधी के प्रयासों पर), निबंध लेखन, प्रश्न-उत्तर प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता, कविता पाठ आदि स्कूल, कॉलेज, स्थानीय सरकारी संस्थानों औरसामाजिक-राजनीतिक संस्थानों में होते है। गाँधी जयंती के दिन किसी भीप्रतियोगिता में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थी को सबसे श्रेष्ठ ईनाम दिया जाता है। सामान्यत: इस दिन उत्सव मनाने के दौरान गाँधी का सबसे प्रिय भजन रघुपति राघव राजा राम गाया जाता है।
Source:Net
मोहनदास करमचन्द गाँधी के जन्म दिवस को चिन्हित करने के लिये 2 अक्टूबर को हर वर्ष पूरे भारत में मनाये जाने वाला राष्ट्रीय अवकाश है गाँधी जयंती। वह भारत के राष्ट्रपिता तथा बापू के रुप में प्रसिद्ध है। ये उपाधि उन्हें आधिकारिक रुप से प्राप्त नहीं है क्योंकि किसी को भी राष्ट्र के पिता के रुप में स्थान देना भारत के संविधान में उल्लिखित नहीं है। 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में महात्मा गाँधी के जन्म दिवस को घोषित किया गया। गाँधी जयंती पूरे भारत में राष्ट्रीय अवकाश के रुप में जबकि पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में को मनाया जाता है।इस दिन पूरे देशभर में स्कूल और सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं। इसे पूरे भारत के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में मनाया जाता है। ये भारत (स्वत्रंता दिवस-15 अगस्त, गणतंत्र दिवस-26 जनवरी) के 3 में से एक राष्ट्रीय कार्यक्रम के रुप में मनाया जाता है। नई दिल्ली में गाँधी स्मारक (दाह संस्कार) पर राजघाट पर सरकारी अधिकारियों के द्वारा श्रद्धांजलि, प्रार्थना सेवा के रुप में जैसे कुछ महत्वपूर्णं गतिविधियों सहित इसे चिन्हित किया जाता है। दूसरे क्रियाकलाप जैसे प्रार्थना, सभा, स्मरणीय समारोह, नाट्य मंचन, भाषण व्याख्यान (अहिंसा के विषय-वस्तु पर,शांति की स्तुति करना तथा भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में गाँधी के प्रयासों पर), निबंध लेखन, प्रश्न-उत्तर प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता, कविता पाठ आदि स्कूल, कॉलेज, स्थानीय सरकारी संस्थानों औरसामाजिक-राजनीतिक संस्थानों में होते है। गाँधी जयंती के दिन किसी भीप्रतियोगिता में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थी को सबसे श्रेष्ठ ईनाम दिया जाता है। सामान्यत: इस दिन उत्सव मनाने के दौरान गाँधी का सबसे प्रिय भजन रघुपति राघव राजा राम गाया जाता है।
Source:Net
Answered by
10
गाँधी जी महापुरुष थे । वह मानवता के संरक्षक थे । वे दीन-दुखियों के सहायक और अहिंसा के पुजारी थे । वे भारत की स्वतंत्रता का बिगुल फूँकनेवाले महान स्वतंत्रता सेनानी थे । वे दूसरों की पीड़ा समझने वाले महान संत थे । इस महापुरुष का जन्म 2 अक्यूबर, 1969 को गुजरात में हुआ था । इन्हीं का जन्मदिन हम लोग गाँधी जयन्ती के रूप में मनाते हैं ।
महापुरुषों का जन्म यदा-कदा ही होता है । उनका जन्मदिन विशेष महत्त्व रखता है । यह दिन लोगों को उनके व्यक्तित्व की विशेषताओं की याद दिला जाता है । इस दिन लोग उनको याद करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं । दिल्ली स्थित राजघाट पर महात्मा गाँधी का समाधिस्थल है । गाँधी जयन्ती के दिन लोग यहाँ बड़ी संख्या में आते हैं । राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा अन्य नेतागण यहाँ उपस्थित होकर राष्ट्र की ओर से उन्हें नमन करते हैं । गाँधी जी के प्रिय भजनों का गायन होता है- “वैष्णव जन तो तेने कहिए जो पीर पराई जाने रे ।’’ यह भजन गाँधी जी को अत्यंत प्रिय था । वे राम में रहीम और रहीम में राम के दर्शन करते थे । भजन-संध्या में उनके इन्हीं विचारों को याद किया जाता है ।
गाँधी जयन्ती के उपलक्ष्य में देश भर में अवकाश रहता है । इस दिन लोग गाँधी जी के आदर्शों का स्मरण करते हैं । कुछ लोग चरखा चलाते हैं । कहीं खादी के वस्त्रों की तो कहीं हथकरघे के वस्त्रों की प्रदर्शनी लगती है । विद्यार्थी सामुदायिक कार्यक्रमों
महापुरुषों का जन्म यदा-कदा ही होता है । उनका जन्मदिन विशेष महत्त्व रखता है । यह दिन लोगों को उनके व्यक्तित्व की विशेषताओं की याद दिला जाता है । इस दिन लोग उनको याद करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं । दिल्ली स्थित राजघाट पर महात्मा गाँधी का समाधिस्थल है । गाँधी जयन्ती के दिन लोग यहाँ बड़ी संख्या में आते हैं । राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा अन्य नेतागण यहाँ उपस्थित होकर राष्ट्र की ओर से उन्हें नमन करते हैं । गाँधी जी के प्रिय भजनों का गायन होता है- “वैष्णव जन तो तेने कहिए जो पीर पराई जाने रे ।’’ यह भजन गाँधी जी को अत्यंत प्रिय था । वे राम में रहीम और रहीम में राम के दर्शन करते थे । भजन-संध्या में उनके इन्हीं विचारों को याद किया जाता है ।
गाँधी जयन्ती के उपलक्ष्य में देश भर में अवकाश रहता है । इस दिन लोग गाँधी जी के आदर्शों का स्मरण करते हैं । कुछ लोग चरखा चलाते हैं । कहीं खादी के वस्त्रों की तो कहीं हथकरघे के वस्त्रों की प्रदर्शनी लगती है । विद्यार्थी सामुदायिक कार्यक्रमों
Similar questions