Hindi essay on mere jeevan ki ek sukhad ghatna
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Answer: आज भी मेरे जीवन की वह मधुर तथा सुखद घटना मेरे हृदय पर अंकित है । उसकी याद आते ही मेरा मन अनोखे आनंद से भर उठता है और मुझे ऐसा लगता है कि काश वह क्षण फिर लौट आए ।
Explanation: वह दिन मुझे आज भी ठीक तरह से याद है । उस दिन हमारे विद्यालय में वाद -विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। मैं अपने विद्यालय का बहुत होशियार तथा होनहार विद्यार्थी माना जाता था ।
हमारे विद्यालय में उस दिन बड़ी-बड़ी विद्यालयों से अनेक कुशल वक्तृत्व देने वाले जाने-माने विद्यार्थी आए हुए थे | मेरा मुकाबला इन सभी विद्यार्थियों से था। मैंने अपने पक्ष की तैयारी बहुत जोर शोर से की थी परंतु फिर भी ह्रदय में एक अनजाना भय था की मैं ठीक से अपना पक्ष रख पाऊंगा या नहीं ?
मां ने मुझे शिक्षा दी थी कि बेटा अपना कार्य कुशलता पूर्वक लक्ष्य को ध्यान में रखकर करों | मां की शिक्षा ध्यान मे रखते हुए मैंने अपने संभाषण को आरंभ किया | जैसे ही मैंने बोलना शुरू किया मेरे मित्रगण मेरे उत्साहवर्धन के लिए जोर - जोर से तालियां बजाने लगे । मैंने अपने विषय को ध्यान में रखते हुए एक बार बोलना शुरू किया तो धाराप्रवाह बोलता चला गया ।
मेरा ध्यान तालियों की अपेक्षा अपनी विषय वस्तु पर अधिक था | यही कारण था कि मेरा बोलना सफल हुआ । मुझे इस प्रतियोगिता में समस्त विद्यार्थियों के मध्य प्रथम स्थान प्राप्त हुआ ।
तदर्थ मुझे पुरस्कार स्वरूप ट्रॉफी व प्रमाण पत्र प्रदान किया गया । उस दिन सभी विद्यालयों के अत्यंत कुशल विद्यार्थियों ने आकर मुझसे हाथ मिलाया एवं विजेता बनने पर बधाई दी । सभी के इस व्यवहार से मेरे भीतर एक अनोखे आत्मविश्वास का जन्म हुआ जिससे मैं आगे चलकर पढ़ाई में बहुत अच्छा विद्यार्थी साबित हुआ। यह घटना मेरे जीवन की सुखद घटना थी जो मेरे मस्तिष्क पटल पर आज भी अंकित है |