Hindi, asked by rachikansra99, 1 year ago

hindi essay on sachi lagan

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Answered by ayushpandey98070
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खेल की कक्षा शुरू हुई तो एक दुबली-पतली लड़की किसी तरह अपनी जगह से उठी। वह शिक्षक से ओलिंपिक रेकॉर्ड्स के बारे में सवाल पूछने लगी। इस पर सभी छात्र हंस पड़े। शिक्षक ने व्यंग्य किया-'तुम खेलों के बारे में जानकर क्या करोगी। अपने ऊपर कभी नजर डाली है। तुम तो ठीक से खड़ी भी नहीं हो सकती, फिर ओलिंपिक से तुम्हें क्या मतलब? तुम्हें कौन सा खेलों में भाग लेना है जो यह सब जानना चाहती हो।'  

रुआंसी लड़की कुछ भी कह न सकी। सारी क्लास उस पर देर तक हंसती रही। अगले दिन जब खेल पीरियड में उसे बाकी बच्चों से अलग बिठाया गया तो उसने कुछ सोचकर बैसाखियां संभालीं और दृढ़ निश्चय के साथ बोली- "सर याद रखिएगा, अगर लगन सच्ची और इरादे बुलंद हों तो सब कुछ संभव है। आप देख लेना, एक दिन यही लड़की सारी दुनिया को हवा से बातें करके दिखाएगी।"

उसकी इस बात पर भी समवेत ठहाका गूंज उठा। उस वक्त सबने इसे मजाक के रूप में लिया। लेकिन वह लड़की तेज चलने के अभ्यास में जुट गई। वह अच्छी और पौष्टिक खुराक लेने लगी, फिर वह कुछ दिनों में दौड़ने भी लगी। कुछ दिनों के बाद उसने छोटी-मोटी दौड़ में भाग लेना भी शुरू कर दिया। उसे दौड़ते देख लोग दांतों तले उंगली दबा लेते थे। तभी कई लोग उसकी मदद के लिए आगे आए। सबने उसका उत्साह बढ़ाया। उसके हौसले बुलंद होने लगे।  

Answered by mansisaini65
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सच्ची लगन

जूनुन जब हद से गुजरता है तो जन्म होता है रामानुज जैसे इन्सान का | उन्हों ने कभी हार नही मानी और दिन रात मेहनत करके गणित के नये नये फार्मूले निकाले | उनके गणित के सूत्र इसने जटिल हैं जितने कि आज कल के टेक्नोलॉजी में भी प्रयोग नही होते हैं |

इनके जीवन की एक घटना है , एक बार जब मास्टर जी क्लास में भाग विधी सीखा रहे थे | तो उन्होंने पूछा यदि 3 आम को तीन बच्चो में बाँट दिया जाए तो सबको कितना मिलेगा | एक बच्चे ने जबाब दिया सर 1 | बिल्कुल सही जबाब अब यदि 100 आम को 100 बच्चों में बाँट दिया जाएगा तो सब को कितना – कितना मिलेगा | सब ने जबाब दिया सर 1 | हाँ || बिल्कुल सही जबाब |

उसी बीच में बैठा था – रामानुज उसने प्रश्न किया सर यदि 0 आम को 0 बच्चे में बाँट दिया जाएगा तब भी क्या 1 ही होगा | पुरे क्लास उन पर हंसने लगी पर मास्टर जी अवाक रह गए |

यह बात उनके भी दिमाग में प्रश्नों का समुद्र बनाकर रख दिया | इसी बाद को सिद्ध करने में कई वर्ष लग गया कि 0/0 = infinite होता है | “वह व्यक्ति थे रामानुज जिनकी जज्बा लगन और जूनुन की मिसाल को पूरी दुनिया जानती है” ||

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