Hindi, asked by N0amar9chaanchawla, 1 year ago

hindi essay on- Swach jeevan swasth jeevan

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Answered by Chirpy
49

स्वच्छता का अर्थ है सफाई से रहने की आदत। सफाई से रहने से शरीर स्वस्थ रहता है। गंदगी से रहने से अनेक बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं। सफाई से रहने से हमारा मन भी खुश रहता है। इसलिए स्वच्छता तन और मन दोनों की खुशी के लिए आवश्यक है।

          एक स्वच्छ शरीर में स्वच्छ मन होता है। सफाई से रहने वाले व्यक्ति के मन में अच्छे और सार्थक विचार उत्पन्न होते हैं। उसकी सोच सकारात्मक होती है। शुद्धता और निर्मलता धार्मिकता के लिए आवश्यक हैं। इसलिए स्वच्छता को देवभक्ति का पहला पग माना जाता है।

          साफ कपड़े पहनने और सफाई से रहने वाले व्यक्ति को समाज में आदर मिलता है। सफाई से रहने वाले व्यक्ति को गुणवान समझा जाता है। एक व्यक्ति के पहनने ओढ़ने और रहन सहन को देखकर उसके चरित्र के बारे में बताया जा सकता है।

         गंदगी से रहने वाले व्यक्ति का चरित्र भी अनियमित होगा, ऐसा अधिकतर माना जाता है। सफाई से रहने वाला व्यक्ति भगवान में आस्था रखता है और धार्मिक समझा जाता है। सभी धर्म पूजा करने से पहले शरीर, मन और पूजा के स्थान को शुद्ध करने की बात पर जोर देते हैं। शुद्धता देवभक्ति का अंग है। इसलिए भगवान के करीब जाने के लिए सफाई सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। 



Answered by wwwjeevanraj09
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Answer:

सफाई से रहने से शरीर स्वस्थ रहता है। गंदगी से रहने से अनेक बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं। सफाई से रहने से हमारा मन भी खुश रहता है। इसलिए स्वच्छता तन और मन दोनों की खुशी के लिए आवश्यक है।

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