Hindi, asked by Ramangupta7770, 1 year ago

Hindi - harihar kaka - sanchayan .. ans fast and no spamming .... ques no. 7

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Answered by Anonymous
43
नमस्कार मित्र
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▪ हरिहर काका ▪

"हरिहर काका" कहानी के द्वारा लेखक मिथिलेश्वर ने परिवारों में और धार्मिक स्थलों में बढ़ रही स्वार्थलोलुपता पर निशाना साधा है ।

इस कहानी के मुख्य पात्र हरिहर काका है वह एक वृध्द और निसंतान व्यक्ति है । अपना कहने के नाम पर उनके तीन भाई हैं उनके भाइयों का परिवार भरा-पूरा परिवार है । हरिहर काका इन्हीं के साथ रहने में अपना सुख मानते हैं । मन को सुख देने के लिए ठाकुरबारी ( मंदिर ) है । हरिहर काका के जीवन में इन दोनों का विशेष महत्व है । परंतु इन्हीं दोनों ने उन्हें अपने स्वार्थ के लिए छला है । उन्हें हरिहर काका से कोई लगाव और प्रेम नहीं है । उनका उद्देश्य है कि हरिहर काका की जमीन को कैसे हड़पा जा सके वह जमीन को पाने के लिए हर तरह की युक्ति का प्रयोग करते हैं । फिर चाहे वह धोखा देकर हो या शक्ति का प्रयोग करके हो ।

हरिहर काका इन ही स्वार्थलोलुपता के विरुद्ध खड़े होकर अपने अस्तित्व को बचाने का प्रयास करते हैं इन सब में परिवार और ठाकुरबारी ( मंदिर ) के प्रति उनकी आस्था समाप्त हो जाती है ।

यह कहानी ग्रामीण जीवन के यर्थाथ को समाज के समक्ष बेनकाब करती है, जिनका मत है कि गांवों की अपेक्षा शहरों के जीवन में स्वार्थलोलुपता ज्यादा विद्यमान है । आपसी रिश्तो में प्रेम के स्थान पर लालच का बढ़ना रिश्तो के खोखलेपन को दर्शाता है समाज में प्रेम समाप्त हो रहा है । यह बहुत दुख की बात है ।

प्रश्न: 7

कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि लेखक ने यह क्यों कहा, "अज्ञान की स्थिति में है मनुष्य मृत्यु से डरते हैं । ज्ञान होने के बाद आदमी आवश्यकता पड़ने पर मृत्यु को वरण करने के लिए तैयार हो जाता है ।"

उत्तर: 7

✔️ हरिहर काका को जब अपने भाइयों और महंत की असलियत पता चली और उन्हें समझ में आ गया कि सब लोग उनकी ज़मीन जायदाद के पीछे पड़े हैं तो उन्हें वे सभी लोग याद आ गए जिन्होंने परिवार वालों के मोह माया में फंस कर अपनी ज़मीन उनके नाम कर दी और मृत्यु तक तिल-तिल करके मरते रहे, दाने-दाने को मोहताज़ हो गए । इसलिए उन्होंने सोचा कि इस तरह रहने से तो एक बार मरना अच्छा है ।अर्थात काका को मृत्यु जीवन की अटल सच्चाई है यह पता चल चुका था इसलिए अब वे महंत या अपने भाइयों के दिखावे या धमकाने पर भी अपनी जमीन किसी के भी नाम नहीं करना चाहते थे । अतः लेखक ने कहा कि अज्ञान की स्थिति में मनुष्य मृत्यु से डरता है परंतु ज्ञान होने पर मृत्यु वरण को तैयार रहता है ।

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आशा है की यह उत्तर आपकी मदद करेगा l l

Anonymous: Nicely written :)
Anonymous: Dhanyavad Bhaiya ji!☺
Answered by prettykohli
25

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