Hindi, asked by aakashpatil5050, 1 year ago

Hindi poem of tare aakash parvat nadi pruthvi

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Answered by Chirpy
333

मेरी प्यारी पृथ्वी की छवि निराली,

ऊपर तारों से आकाश जगमगाये,

ऊँचें ऊँचे पर्वत इसकी शोभा बढ़ायें,

विशाल नदियाँ बहकर सबके मन को बहलायें,

जहाँ बड़े बड़े वृक्ष लहरायें,

पशु पक्षियों के मन को भायें।

ऐसी सुंदर पृथ्वी मेरी,

जिसकी सुन्दरता पर सब मोहित हो जायें।  

Answered by shwetamunde23073
37

Answer:

मेरी प्यारी पृथ्वी की छवि निराली,

ऊपर तारों से आकाश जगमगाये,

ऊँचें ऊँचे पर्वत इसकी शोभा बढ़ायें,

विशाल नदियाँ बहकर सबके मन को बहलायें,

जहाँ बड़े बड़े वृक्ष लहरायें,

पशु पक्षियों के मन को भायें।

ऐसी सुंदर पृथ्वी मेरी,

जिसकी सुन्दरता पर सब मोहित हो जायें।  

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