hindi poem on bachay mann ke sachay
jap8:
in hindi?
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बच्चे होते मन के सच्चेनन्हे मुन्ने प्यारे बच्चे I
दिल के भोले भाले बच्चे I
जिधर चलाओ चलते जाते I
नन्हे लाल दुलारे बच्चे I
बच्चे होते मन के सच्चे I
ज्यों मिटटी के भांडे कच्चे I
ढल कर सुंदर बनते बच्चे I
सबको लगते प्यारे बच्चे I
हिंदी सिन्धी या पंजाबी I
पीला लाल या हरा गुलाबी I
फिरकों वाली नहीं खराबी I
जग की आँख के तारे बच्चे I
टोपी या पगड़ी पहनाओ .
कुरता कोट से भले सजाओ .
तंग दिली न इन्हें सिखाओ .
दुनिया के सितारे बच्चे .
hope it helps u! :)
दिल के भोले भाले बच्चे I
जिधर चलाओ चलते जाते I
नन्हे लाल दुलारे बच्चे I
बच्चे होते मन के सच्चे I
ज्यों मिटटी के भांडे कच्चे I
ढल कर सुंदर बनते बच्चे I
सबको लगते प्यारे बच्चे I
हिंदी सिन्धी या पंजाबी I
पीला लाल या हरा गुलाबी I
फिरकों वाली नहीं खराबी I
जग की आँख के तारे बच्चे I
टोपी या पगड़ी पहनाओ .
कुरता कोट से भले सजाओ .
तंग दिली न इन्हें सिखाओ .
दुनिया के सितारे बच्चे .
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बच्चे मन के सच्चे, सारी जग के आँख के तारे
ये वो नन्हे फूल हैं जो, भगवान को लगते प्यारे
खुद रूठे, खुद मन जाये, फिर हमजोली बन जाये
झगड़ा जिसके साथ करें, अगले ही पल फिर बात करें
इनका किसी से बैर नहीं, इनके लिये कोई ग़ैर नहीं
इनका भोलापन मिलता है, सबको बाँह पसारे
बच्चे मन के सच्चे…
इन्ससान जब तक बच्चा है, तब तक समझ का कच्चा है
ज्यों ज्यों उसकी उमर बढ़े, मन पर झूठ का मैल चढ़े
क्रोध बढ़े, नफ़रत घेरे, लालच की आदत घेरे
बचपन इन पापों से हटकर अपनी उमर गुज़ारे
बच्चे मन के सच्चे…
तन कोमल मन सुन्दर
हैं बच्चे बड़ों से बेहतर
इनमें छूत और छात नहीं, झूठी जात और पात नहीं
भाषा की तक़रार नहीं, मज़हब की दीवार नहीं
इनकी नज़रों में एक हैं, मन्दिर मस्जिद गुरुद्वारे
बच्चे मन के सच्चे…
ये वो नन्हे फूल हैं जो, भगवान को लगते प्यारे
खुद रूठे, खुद मन जाये, फिर हमजोली बन जाये
झगड़ा जिसके साथ करें, अगले ही पल फिर बात करें
इनका किसी से बैर नहीं, इनके लिये कोई ग़ैर नहीं
इनका भोलापन मिलता है, सबको बाँह पसारे
बच्चे मन के सच्चे…
इन्ससान जब तक बच्चा है, तब तक समझ का कच्चा है
ज्यों ज्यों उसकी उमर बढ़े, मन पर झूठ का मैल चढ़े
क्रोध बढ़े, नफ़रत घेरे, लालच की आदत घेरे
बचपन इन पापों से हटकर अपनी उमर गुज़ारे
बच्चे मन के सच्चे…
तन कोमल मन सुन्दर
हैं बच्चे बड़ों से बेहतर
इनमें छूत और छात नहीं, झूठी जात और पात नहीं
भाषा की तक़रार नहीं, मज़हब की दीवार नहीं
इनकी नज़रों में एक हैं, मन्दिर मस्जिद गुरुद्वारे
बच्चे मन के सच्चे…
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