hindi speech on subhash jayanti in easy language
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23 जनवरी 1897 का दिन विश्व इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है। इस दिन स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक सुभाषचंद्र बोस का जन्म कटक के प्रसिद्ध वकील जानकीनाथ तथा प्रभावतीदेवी के यहां हुआ।
उनके पिता ने अंगरेजों के दमनचक्र के विरोध में 'रायबहादुर' की उपाधि लौटा दी। इससे सुभाष के मन में अंगरेजों के प्रति कटुता ने घर कर लिया। अब सुभाष अंगरेजों को भारत से खदेड़ने व भारत को स्वतंत्र कराने का आत्मसंकल्प ले, चल पड़े राष्ट्रकर्म की राह पर।
आईसीएस की परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद सुभाष ने आईसीएस से इस्तीफा दिया। इस बात पर उनके पिता ने उनका मनोबल बढ़ाते हुए कहा- 'जब तुमने देशसेवा का व्रत ले ही लिया है, तो कभी इस पथ से विचलित मत होना।'
12 सितंबर 1944 को रंगून के जुबली हॉल में शहीद यतीन्द्र दास के स्मृति दिवस पर नेताजी ने अत्यंत मार्मिक भाषण देते हुए कहा- 'अब हमारी आजादी निश्चित है, परंतु आजादी बलिदान मांगती है। आप मुझे खून दो, मैं आपको आजादी दूंगा।' यही देश के नौजवानों में प्राण फूंकने वाला वाक्य था, जो भारत ही नहीं विश्व के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है।
16 अगस्त 1945 को टोक्यो के लिए निकलने पर ताइहोकु हवाई अड्डे पर नेताजी का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और स्वतंत्र भारत की अमरता का जयघोष करने वाला, भारत मां का दुलारा सदा के लिए, राष्ट्रप्रेम की दिव्य ज्योति जलाकर अमर हो गया।
मार्क BRAINLIEST
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नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अपने विचारों से लाखों लोगों को प्रेरित किया था. आज सुभाष चंद्र बोस की जयंती है. नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में हुआ था. संपन्न परिवार से ताल्लुक रखने वाले नेताजी बचपन से ही पढ़े-लिखने में आगे थे. साल 1921 में प्रशासनिक सेवा की नौकरी छोड़कर नेताजी आजादी की लड़ाई में उतर आए थे. सुभाष चंद्र बोस को उनके क्रांतिकारी विचारों के कारण देश के युवाओं का साथ मिला. जिसके बाद उन्होंने आजाद हिंद फौज की स्थापना की.
आजाद हिंद फौज का गठन करके अंग्रेजी सेना को खुली चुनौती दी. बताया जाता है कि इस फौज के गठन में जापान ने उस दौर में नेताजी की काफी मदद की थी. एक अनुमान के मुताबिक, आजाद हिंद फौज में करीब 85000 सैनिक थे. जिसमें महिलाएं और पुरुष दोनों थे.नेताजी सुभाष चंद्र बोस का पूरा जीवन युवाओं के लिए प्रेरक है.जानिए सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर उनके कुछ अनमोल विचार-
“मुझमें जन्मजात प्रतिभा तो नहीं थी, परंतु कठोर परिश्रम से बचने की प्रवृति मुझमे कभी नहीं रही”
“बिना जोश के आज तक कभी भी महान कार्य नहीं हुए”
“तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा”
सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिंद फौज के कमांडर के तौर पर भारत की अस्थायी सरकार बनायी थी, जिसे जर्मनी, जापान, फिलीपीन्स, कोरिया, चीन, इटली, मान्चुको और आयरलैंड ने मान्यता दी थी.