hindi story on almari,gilhari,chaval ke papad,chota baccha
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निम्नलिखित दिए गए शब्दों कहानी
अलमारी, गिलहरी, चावल के पापड़, छोटा बच्चा
कहानी का शीर्षक है नटखट गिलहरी
गर्मियों के दिन में मैंने माँ को कहा आज बहुत अच्छी धूप है आप चावल के पापड़ बना दो सुख भी जायंगे अपनी बनाए हुआ का स्वाद बहुत होता है । मैं और मां ने चावल के पापड़ बना दिए हम उन्हें सुखाने गए साथ में मेरा छोटा भाई भी था । मेरा छोटा भाई खेल रहा था हम चावल के पापड़ सूखने के लिए डाल दिए. साथ में पेड़ में गिलहरी थी वो हमें देख रही थी, मेरा भाई उसे तंग कर रहा था वो चावल के पापड़ खराब करना चाहती थी पर मेरा भाई उसे डरा रहा रहा था । वो दोनों आपस में खेलने लग गये । उन दोनों के देख के मज़ा आ रहा था । लेकिन माँ को डर था गिलहरी चावल के पापड़ कहा ना ले इसलिए माँ ने चावल के पापड़ एक अलमारी के उपर सुखाने डाल दिए उसे ढक रख दिया ताकी उसे कहा ना सके । गिलहरी बहुत नटखट थी ।
चावल का पापड़ खाना मुझे बहुत पसंद है और मेरी प्यारी गिलहरी टिन्नू को भी बहुत पसंद है चावल का पापड़ हो भी क्यों न टिन्नू मेरी ही तो कापी कैट है।
एक दिन मेरी गिलहरी छत पर बैठी हुई थी तभी एक बच्चे ने उसे फेंककर कुछ मारा और मेरी गिलहरी बेहोश हो गई खून से लतफत होकर। मैं जल्दी से अपने अलमारी में से गिलहरी के लिए काटन लाया और उसको लपेटकर अस्पताल ले गया मगर मैं उसको बचा नहीं पाया उस छोटे बच्चे ने गिलहरी को मारकर मुझसे सब कुछ छिन लिया।
आज दो साल हो गए मैं चावल के पापड़ नहीं खाता क्योंकि वह गिलहरी को बहुत पसंद था। गिलहरी अलमारी के ऊपर सोती थी। आज भी ऐसा लगता है कि वह जिंदा है।
इसलिए पशुओं को मारे नहीं प्यार किजिए।