hindi version the road not taken
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कवि वर्णन करता है कि वह एक जंगल के मध्य से चल रहा था, जहां सभी पेड़ की पत्तियां पीले पड़ चुकी थी। और इस यात्रा के दौरान, वह एक ऐसी स्थान पर पहुँचता है जहां से रास्ता दो भागो में बट जाता है। और इस वजह से कवि सोच में पड़ जाता है की कौन से रास्ते में जाए और कौन में रास्ते में नहीं। क्युकी वह केवल एक अकेला यात्री था इस वजह से वो दोनों रास्तो में नहीं चल सकता था। उसे कोई न कोई एक रास्ता ही चुनना था। जो की कवि के लिए कोई आसान नहीं था, और इसी वजह से कवि दोराहे पर देर तक खड़ा होकर एक रास्ते को दूर तक देखता है जहाँ तक उसकी नजर जाती है। और दोनों ही रास्तों में उसकी नजरे घने जंगल झाड़ियों में खो जाती है।
रॉबर्ट ली फ्रॉस्ट एक अमेरिकी कवि थे। अमेरिका में प्रकाशित होने से पहले उनका काम इंग्लैंड में शुरू में प्रकाशित हुआ था। वह ग्रामीण जीवन के अपने यथार्थवादी चित्रण और अमेरिकी बोलचाल भाषण के लिए जाने जाते हैं। फ्रॉस्ट को अपने जीवनकाल के दौरान अक्सर सम्मानित किया गया था, कविता के लिए चार पुलित्जर पुरस्कार प्राप्त हुए थे। उन्हें 1960 में उनके कविता कार्यों के लिए कांग्रेस के स्वर्ण पदक से भी सम्मानित किया गया था। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि, फ्रॉस्ट को 22 जुलाई 1961 को वरमोंट के कवि पुरस्कार विजेता का नाम दिया गया था। फ्रॉस्ट 86 वर्ष के थे जब उन्होंने 20 जनवरी 1961 को राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के उद्घाटन के अवसर पर अपनी प्रसिद्ध कविता “द गिफ्ट आउटराइट” पढ़ी थी। उनकी मृत्यु 29 जनवरी, 1963 को प्रोस्टेट सर्जरी से जटिलताओं के बाद हुई।
इस पंक्ति में, कवि वर्णन करता है कि वह एक जंगल के मध्य से चल रहा था, जहां सभी पेड़ की पत्तियां पीले पड़ चुकी थी। और इस यात्रा के दौरान, वह एक ऐसी स्थान पर पहुँचता है जहां से रास्ता दो भागो में बट जाता है। और इस वजह से कवि सोच में पड़ जाता है की कौन से रास्ते में जाए और कौन में रास्ते में नहीं। क्युकी वह केवल एक अकेला यात्री था इस वजह से वो दोनों रास्तो में नहीं चल सकता था। उसे कोई न कोई एक रास्ता ही चुनना था। जो की कवि के लिए कोई आसान नहीं था, और इसी वजह से कवि दोराहे पर देर तक खड़ा होकर एक रास्ते को दूर तक देखता है जहाँ तक उसकी नजर जाती है। और दोनों ही रास्तों में उसकी नजरे घने जंगल झाड़ियों में खो जाती है।
इन पंक्तियों में कवि हमें यह बताना चाहता है की बिच जंगल में दोराहे में खड़े होकर दोनों रास्तों को अच्छी तरह तरह से देखने के बाद कवि दूसरे रास्ते को चुनता है जिसमे पहले की तुलना में ज्यादा घांस उगी हुई थी। कवि को ऐसा अनुभव हो रहा था की यह दूसरा रास्ता वास्तव में उसके लिए एक बेहतर विकल्प था क्योंकि वह देख सकता था कि यह अभी भी घास से भरा हुआ था, अन्य पथ के विपरीत जो लगभग बंजर था। इसके फलस्वरूप कवि यह निष्कर्ष निकालता है की उससे पहले जिन यात्रियों ने इस घने जंगल की यात्रा की उन्होंने पहले वाले रास्ते को चुना, और जब वो उस रास्ते से गुजरते थे तो उनके पैरों से दब कर घाँसे निचे झुक गई थी। जो की एक बंजर रास्ते की तरह लग रहा था। और इसीलिए कवि ने दूसरे रास्ते को चुना क्युकी अभी तक वहां से कोई गुजरा नहीं नहीं और इसी वजह से घाँसे हरी भरी उगी हुई थी।
कवि जब की यह सोच विचार कर रहा होता है की कौन सा रास्ता लेना है और कौन सा नहीं तभी उसे दोनों ही रास्तों को देखकर यह महसूस होता है की आज के दिन अभी तक कोई भी यात्री जंगल में इतनी दूर नहीं पहुँच पाया है। और वह पहला यात्री है जो इतनी दूर तक पहुँच पाया है। और इसी वजह से पैरों के ऐसे कोई ताजा निसान नहीं है जो हमें बता पाए की इन पत्तों कोई अभी अभी कुचला गया है। और फिर कवि यह फैसला करता है की वह दूसरे रास्ते में अकेला ही आगे बढ़ेगा। और कवि यह सोचने लगता है की वह पहले रास्ते में फिर कभी आ जायेगा। जबकि वह यह जनता है की इसकी कोई निश्चितता नहीं है की वह पहला रास्ते से कभी गुजर भी पायेगा या नहीं। कवि को यह पता है की जंगलो के ये रास्ते एक के बाद एक दूसरे से मिलते रहते हैं और इनकी दिशा बदलती रहती है तो कवि को यह नहीं पता की इस रास्ते में जाने की बाद वह दुबारा इस दोहराहे पर वापस आ पायेगा या नहीं।
कवि कहना चाहता है की उनके द्वारा लिया गया विकल्प जो की उन्होंने दूसरे रास्ते में जाने का लिया था। वो बिलकुल भी आसान नहीं था। वो बल्कि वो इतना ही कठिन था की अब जब भी कवि भविष्य में अपने इस फैसले के बारे में सोचेंगे। उनका दिल बेचैनी से भर जायेगा। अब कवि या यह सोच रहा है की भविष्य में कवि जब भी अपने इस फैसले के बारे में याद करेगा तो उनके दिल में एक ही ख्याल आएगा की इस फैसले ने उनकी जिंदगी में काफी प्रवाव डाला है। और उन्होंने अपने जीवन से पहले साधारण वाले रास्ते जिसमे से सभी लोग चल कर जा रहे थे। उसे हटा दिया है। और इस फैसले का उनके जीवन पर कुछ अच्छे प्रभाव भी पड़े हैं।