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4. मनुष्य के व्यवहार में ही दूसरों को विरोधी बना लेनेवाले दोष होते हैं। यह
भावार्थ किस दोहे से व्यक्त होता है?
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heya NANCY
मनुष्य के व्यवहार में ही दूसरों को विरोधी बना लेने वाले दोष होते हैं यह बात कबीर की निम्नलिखित
साखी से स्पष्ट होती है-
आवत गारी एक है , उलटत होइ अनेक।
कह कबीर नहिं उलटिए , वही एक की एक।।
इस साखी में कवि ने लोगों को सामाजिक मानदंडों से अवगत करवा कर उन्हें सचेत करने का प्रयत्न किया है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
Hope it help uh
open ur Instagram I had texted uhh
text me on Instagram @_abhi_shek1
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मनुष्य के व्यवहार में ही दूसरों को विरोधी बना लेने वाले दोष होते हैं यह बात कबीर की निम्नलिखित साखी से स्पष्ट होती है-
आवत गारी एक है , उलटत होइ अनेक।
कह कबीर नहिं उलटिए , वही एक की एक।।
इस साखी में कवि ने लोगों को सामाजिक मानदंडों से अवगत करवा कर उन्हें सचेत करने का प्रयत्न किया है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
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