how is the president of india elected in Hindi
Answers
Answered by
0
President is elected by MP's
rohit494:
hindi me answer do bhai
Answered by
1
इस प्रक्रिया में जनता सीधे अपने राष्ट्रपति का नहीं चुनती, बल्कि उसके द्वारा चुने गए विधायक और सांसद मिलकर राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं। आइए आपको बताते हैं क्या है राष्ट्रपति चुनाव की यह प्रक्रिया और कैसे चुना जाता है देश का राष्ट्रपति।
-राष्ट्रपति चुनाव के देश के सभी विधायक और सांसद मतदान करते हैं
-चुनाव में जीत के लिए कुल 5.49 लाख मूल्य के वोटों की दरकरार होती है
-चुनाव में प्रत्येक विधायक और सांसद के मत का वेटेज निर्धारित होता है
-इसका गणित प्रत्येक राज्य की आबादी और उसके कुल विधायकों के अनुपात से निकाला जाता है
-जिसका हिसाब साल 1971 में हुई जनगणना से लगाया जाता है, जो साल 2026 तक चलेगा
-मसलन 1971 की जनगणना के अनुसार मध्यप्रदेश की आबादी 30,017,180 थी, और राज्य के कुल विधायकों की संख्या 230 है।
-अब इन विधायकों के वोटों का गणित निकालने के लिए 30,017,180 की संख्या को 230 से भाग दिया जाता है, जो संख्या आती है उसे फिर 1000 से भाग
किया जाता है, इससे जो संख्या निकलकर आती है वो उस राज्य के विधायकों के वोटों का मूल्य माना जाता है।
-इसी तरह सभी राज्यों की आबादी के हिसाब से प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के विधायकों का वोट मूल्य तय कर लिया जाता है।
-सांसदों के वोटों का मूल्य निकालने के लिए देश के सभी विधायकों के कुल मूल्य से भाग कर दिया जाता है जो संख्या निकलकर आती है वो सांसद के वोट का मूल्य होता है।
-देश के इलेक्ट्रॉरल कालेज के कुल सदस्यों का कुल वोट मूल्य 10,98,882 है। राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए 5,49,442 वोट की दरकरार होती है।
-वोटिंग के दौरान प्रत्येक सदस्य को बैलेट पेपर पर अपनी पहली दूसरी और तीसरी पसंद के उम्मीदवार की जानकारी देनी होती है।
-इसके बाद पहली वरीयता के वोट गिने जाते हैं, इस प्रक्रिया से ही अगर निर्धारित 5,49,442 वोटों की संख्या पूरी हो जाती है तो चुनाव पूरा माना जाता है और अगर पहली वरीयता के वोट पूरे नहीं पड़ते हैं तो दूसरी वरियता के वोटों की गिनती होती है।
क्या है मौजूदा पार्टियों का गणित
-मौजूदा चुनाव में कुल 4120 विधायक और लोकसभा-राज्यसभा के 776 सांसद वोट डालेंगे।
-फिलहाल केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए के सांसद और विधायकों के हिसाब से कुल 532019 वोट हैं।
-जीत के लिए उसे कुल 549442 वोटों की जरूरत है जिसमें उसके पास 17423 वोट कम हैं।
-भाजपा ने इसीलिए अपने सांसदों योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्या और गोवा के सीएम बन चुके मनोहर पार्रिकर का इस्तीफा संसद से नहीं करवाया ताकि जरूरत पड़ने पर उनके वोट भी डलवाए जा सकें।
-राष्ट्रपति चुनाव के देश के सभी विधायक और सांसद मतदान करते हैं
-चुनाव में जीत के लिए कुल 5.49 लाख मूल्य के वोटों की दरकरार होती है
-चुनाव में प्रत्येक विधायक और सांसद के मत का वेटेज निर्धारित होता है
-इसका गणित प्रत्येक राज्य की आबादी और उसके कुल विधायकों के अनुपात से निकाला जाता है
-जिसका हिसाब साल 1971 में हुई जनगणना से लगाया जाता है, जो साल 2026 तक चलेगा
-मसलन 1971 की जनगणना के अनुसार मध्यप्रदेश की आबादी 30,017,180 थी, और राज्य के कुल विधायकों की संख्या 230 है।
-अब इन विधायकों के वोटों का गणित निकालने के लिए 30,017,180 की संख्या को 230 से भाग दिया जाता है, जो संख्या आती है उसे फिर 1000 से भाग
किया जाता है, इससे जो संख्या निकलकर आती है वो उस राज्य के विधायकों के वोटों का मूल्य माना जाता है।
-इसी तरह सभी राज्यों की आबादी के हिसाब से प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के विधायकों का वोट मूल्य तय कर लिया जाता है।
-सांसदों के वोटों का मूल्य निकालने के लिए देश के सभी विधायकों के कुल मूल्य से भाग कर दिया जाता है जो संख्या निकलकर आती है वो सांसद के वोट का मूल्य होता है।
-देश के इलेक्ट्रॉरल कालेज के कुल सदस्यों का कुल वोट मूल्य 10,98,882 है। राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए 5,49,442 वोट की दरकरार होती है।
-वोटिंग के दौरान प्रत्येक सदस्य को बैलेट पेपर पर अपनी पहली दूसरी और तीसरी पसंद के उम्मीदवार की जानकारी देनी होती है।
-इसके बाद पहली वरीयता के वोट गिने जाते हैं, इस प्रक्रिया से ही अगर निर्धारित 5,49,442 वोटों की संख्या पूरी हो जाती है तो चुनाव पूरा माना जाता है और अगर पहली वरीयता के वोट पूरे नहीं पड़ते हैं तो दूसरी वरियता के वोटों की गिनती होती है।
क्या है मौजूदा पार्टियों का गणित
-मौजूदा चुनाव में कुल 4120 विधायक और लोकसभा-राज्यसभा के 776 सांसद वोट डालेंगे।
-फिलहाल केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए के सांसद और विधायकों के हिसाब से कुल 532019 वोट हैं।
-जीत के लिए उसे कुल 549442 वोटों की जरूरत है जिसमें उसके पास 17423 वोट कम हैं।
-भाजपा ने इसीलिए अपने सांसदों योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्या और गोवा के सीएम बन चुके मनोहर पार्रिकर का इस्तीफा संसद से नहीं करवाया ताकि जरूरत पड़ने पर उनके वोट भी डलवाए जा सकें।
Similar questions