How many forms of noun can have in hindi?
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एक संज्ञा भाषण का एक हिस्सा है जो एक व्यक्ति, पशु, स्थान, चीज़ या विचार को दर्शाती है। अंग्रेजी शब्द संज्ञा की लैटिन शब्द नाम में इसकी जड़ है, जिसका अर्थ है "नाम।" हर भाषा में ऐसे शब्द होते हैं जो संज्ञाएं हैं।
व्यक्तावचक संसंग्या (उचित संज्ञा) - एक व्यक्ति, स्थान, आदि का नाम (यानी 'अद्वितीय' संस्थाएं)
जाटिवाचक संसंग्या (सामान्य संज्ञा) - एक पशु प्रजाति का नाम या चीजों के नाम (समान प्रकार की संस्थाओं का सामान्य नाम)
भाववचक संज्ञान (सार संज्ञा) - एक भावना या भावना का नाम, या एक सार इकाई (उदा। अहसास)
द्रवचक्क संगा - एक समान प्रकार के तरल पदार्थ को दिया गया नाम (जैसे पानी, दूध, चाय, आदि)
द्रव्यवाचक संगा - सामग्री को दिया गया नाम (जैसे लोहा, सोना, मिट्टी, आदि)
व्यक्तावचक संसंग्या (उचित संज्ञा) - एक व्यक्ति, स्थान, आदि का नाम (यानी 'अद्वितीय' संस्थाएं)
जाटिवाचक संसंग्या (सामान्य संज्ञा) - एक पशु प्रजाति का नाम या चीजों के नाम (समान प्रकार की संस्थाओं का सामान्य नाम)
भाववचक संज्ञान (सार संज्ञा) - एक भावना या भावना का नाम, या एक सार इकाई (उदा। अहसास)
द्रवचक्क संगा - एक समान प्रकार के तरल पदार्थ को दिया गया नाम (जैसे पानी, दूध, चाय, आदि)
द्रव्यवाचक संगा - सामग्री को दिया गया नाम (जैसे लोहा, सोना, मिट्टी, आदि)
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संज्ञा:
किसी व्यक्ति, वस्तु ,स्थान ,भाव या गुण के नाम को संज्ञा कहते हैं। जैसे
१. राजीव स्कूल जा रहा है।
२. कुतुब मीनार दिल्ली में है।
३. बगीचे की सुंदरता देखने योग्य है।
४. दादा जी आराम कर रहे हैं।
इन वाक्यों में राजीव, स्कूल, बगीचे, कुतुब मीनार, दिल्ली ,दादाजी शब्दों में किसी वस्तु ,व्यक्ति अथवा स्थान का बोध हो रहा है। इन संज्ञा कहते हैं।
संज्ञा के तीन भेद माने गए हैं।
१. व्यक्तिवाचक संज्ञा
२. जातिवाचक संज्ञा
३. भाववाचक संज्ञा
व्यक्तिवाचक संज्ञा:
जिस संज्ञा शब्द से किसी विशेष व्यक्ति ,स्थान या वस्तु के नाम का बोध होता है उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।
१. गंगा हिमालय से निकलती है।
२. बाबा भारती के घोड़े का नाम सुल्तान था।
३. एफिल टॉवर फ्रांस की सबसे प्रसिद्ध इमारत है एफिल टॉवर फ्रांस की सबसे प्रसिद्ध इमारत है।
४. चित्तौड़ की रानी कर्मावती ने बादशाह हुमायूं को राखी भेजी।
इन वाक्यों में गंगा, हिमालय ,बाबा भारती ,सुल्तान ,एफिल टॉवर, फ्रांस ,चित्तौड़, कर्मावती और हुमायूं शब्दों में से किसी विशेष प्राणी ,वस्तु अथवा स्थान का बोध हो रहा है।
जातिवाचक संज्ञा:
जिस संज्ञा शब्द से किसी प्राणी वस्तु इत्यादि की पूरी जाति का बोध होता है उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।
१. गाय वन में घास चर रही है।
२. बच्चे गेंद से खेल रहे हैं।
३. अध्यापक पुस्तक पढ़ा रहे हैं।
४. बंदरों ने पेड़ से नीचे उतर कर टोपियां पहन ली।
इन वाक्यों में गाय , वन , घास, बच्चे, गेंद ,अध्यापक, पुस्तक ,बंदर , पेड़ तथा टोपियां शब्द किसी विशेष वस्तु ,प्राणी, स्थान की तरफ संकेत न कर के साधारण जाति का बोध करा रहे हैं।
कुछ विद्वान जातिवाचक संज्ञा के दो भेद और मानते हैं।
क) समूहवाचक संज्ञा या समुदायवाचक संज्ञा:
जिन संज्ञा शब्दों से किसी समूह अथवा समुदाय का बोध हो उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे
भीड़, मेला, कक्षा, गुच्छा समिति आदि।
ख) द्रव्यवाचक संज्ञा: जिन संज्ञा शब्दों से किसी द्रव, पदार्थ या धातु का बोध हो उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - घी,पानी ,सोना ,तांबा ,पीतल ,मिट्टी आदि।
भाववाचक संज्ञा:
जिन संज्ञा शब्द से किसी वस्तु या व्यक्ति के गुण, धर्म, भाव, व्यापार और अवस्था का बोध होता है उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
१. वाणी में मिठास आवश्यक है।
२. बागों में हरियाली अच्छी लग रही है।
३. ताजमहल का सौंदर्य देखते ही बनता है।
४. शिष्टाचार का सबसे पहला गुण विनम्रता है।
इन वाक्यों में मिठास, हरियाली, विनम्रता और सौंदर्य शब्द भाव का बोध कराते हैं।
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किसी व्यक्ति, वस्तु ,स्थान ,भाव या गुण के नाम को संज्ञा कहते हैं। जैसे
१. राजीव स्कूल जा रहा है।
२. कुतुब मीनार दिल्ली में है।
३. बगीचे की सुंदरता देखने योग्य है।
४. दादा जी आराम कर रहे हैं।
इन वाक्यों में राजीव, स्कूल, बगीचे, कुतुब मीनार, दिल्ली ,दादाजी शब्दों में किसी वस्तु ,व्यक्ति अथवा स्थान का बोध हो रहा है। इन संज्ञा कहते हैं।
संज्ञा के तीन भेद माने गए हैं।
१. व्यक्तिवाचक संज्ञा
२. जातिवाचक संज्ञा
३. भाववाचक संज्ञा
व्यक्तिवाचक संज्ञा:
जिस संज्ञा शब्द से किसी विशेष व्यक्ति ,स्थान या वस्तु के नाम का बोध होता है उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।
१. गंगा हिमालय से निकलती है।
२. बाबा भारती के घोड़े का नाम सुल्तान था।
३. एफिल टॉवर फ्रांस की सबसे प्रसिद्ध इमारत है एफिल टॉवर फ्रांस की सबसे प्रसिद्ध इमारत है।
४. चित्तौड़ की रानी कर्मावती ने बादशाह हुमायूं को राखी भेजी।
इन वाक्यों में गंगा, हिमालय ,बाबा भारती ,सुल्तान ,एफिल टॉवर, फ्रांस ,चित्तौड़, कर्मावती और हुमायूं शब्दों में से किसी विशेष प्राणी ,वस्तु अथवा स्थान का बोध हो रहा है।
जातिवाचक संज्ञा:
जिस संज्ञा शब्द से किसी प्राणी वस्तु इत्यादि की पूरी जाति का बोध होता है उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।
१. गाय वन में घास चर रही है।
२. बच्चे गेंद से खेल रहे हैं।
३. अध्यापक पुस्तक पढ़ा रहे हैं।
४. बंदरों ने पेड़ से नीचे उतर कर टोपियां पहन ली।
इन वाक्यों में गाय , वन , घास, बच्चे, गेंद ,अध्यापक, पुस्तक ,बंदर , पेड़ तथा टोपियां शब्द किसी विशेष वस्तु ,प्राणी, स्थान की तरफ संकेत न कर के साधारण जाति का बोध करा रहे हैं।
कुछ विद्वान जातिवाचक संज्ञा के दो भेद और मानते हैं।
क) समूहवाचक संज्ञा या समुदायवाचक संज्ञा:
जिन संज्ञा शब्दों से किसी समूह अथवा समुदाय का बोध हो उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे
भीड़, मेला, कक्षा, गुच्छा समिति आदि।
ख) द्रव्यवाचक संज्ञा: जिन संज्ञा शब्दों से किसी द्रव, पदार्थ या धातु का बोध हो उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - घी,पानी ,सोना ,तांबा ,पीतल ,मिट्टी आदि।
भाववाचक संज्ञा:
जिन संज्ञा शब्द से किसी वस्तु या व्यक्ति के गुण, धर्म, भाव, व्यापार और अवस्था का बोध होता है उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
१. वाणी में मिठास आवश्यक है।
२. बागों में हरियाली अच्छी लग रही है।
३. ताजमहल का सौंदर्य देखते ही बनता है।
४. शिष्टाचार का सबसे पहला गुण विनम्रता है।
इन वाक्यों में मिठास, हरियाली, विनम्रता और सौंदर्य शब्द भाव का बोध कराते हैं।
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MacTavish343:
Awesome !!
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