(i) किसी पिण्ड के संवेग में परिवर्तन क्या कहलाता है?
(ii) सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक 'G' का मान कितना होता है? ।
(iii) दो समान और विपरीत सदिशों को जोड़ने पर कौन-सा सदिश प्राप्त होता
(iv) ऊष्मा संचरण की किस विधा में माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है? ।
(v) तरंग द्वारा किस भौतिक राशि का स्थानांतरण होता है?
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Answer:
दो अत्यधिक असमान द्रव्यमान वाले पिण्डों (m1 = 1000 kg, u1 = 5 m/s, m2 = 0,1 kg, u2 = 0 m/s) का प्रत्यास्थ संघट्ट ; इस संघट्ट में संवेग का बहुत कम अन्तरण (ट्रान्सफर) होता है क्योंकि हल्का पिण्ड थोड़ा सा संवेग पाकर ही तेज गति से निकल जाता है। बड़े द्रव्यमान वाले पिण्ड का संवेग बहुत कम परिवर्तित होता है।
न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के अनुसार दो पिंडो के बीच एक आकर्षण बल कार्य करता है. यदि इनमें से एक पिंड पृथ्वी हो तो इस आकर्षण बल को गुरुत्व कहते हैं. यानी कि, गुरुत्व वह आकर्षण बल है, जिससे पृथ्वी किसी वस्तु को अपने केंद्र की ओर खींचती है. इस बल के कारण जो त्वरण उत्पन्न होती है, उसे गुरुत्व जनित त्वरण (g) कहते हैं, जिनका मान 9.8 m/s^2 होता है.
5- तरंग (Wave) का अर्थ होता है - 'लहर'। भौतिकी में तरंग का अभिप्राय अधिक व्यापक होता है जहां यह कई प्रकार के कंपन या दोलन को व्यक्त करता है। इसके अन्तर्गत यांत्रिक, विद्युतचुम्बकीय, ऊष्मीय इत्यादि कई प्रकार की तरंग-गति का अध्ययन किया जाता है।
तरंगों के द्वारा ऊर्जा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है
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1. संवेग में परिवर्तन को आवेग कहा जाता है। संवेग में परिवर्तन दर को बल कहा जाता है।
2. सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक का मान
3. दो समान और विपरीत मूल्य का योग शून्य होता है।
4. विकिरण ऊष्मा हस्तांतरण की एक ऐसी विधा है जिसमें माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है। जबकि चालन और संवहन माध्यम के मामले में माध्यम की आवश्यकता होती है।
5. तरंग के एक माध्यम से दूसरे माध्यम में यात्रा करते समय ऊर्जा का स्थानांतरण होता है। लहर की आवृत्ति में कोई परिवर्तन नहीं होते हैं।