इ) नीचे दी गई पंक्तियाँ का भाव स्पस्ट कीजिए|
1. सैट की नाँव खेवटिया सतगुरु, भाव्सागर तर आये|
2. प्रभुजी, तुम चंदन हम पानी, जाकी अंग-अंग बास समानी|
Hindi Class X SCERT Telangana Ch 7
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मीरा बाई जी कहती हैं सत्य रूपी नाव के नाविक स्वयं परमात्मा है और परमात्मा के नाविक होने से वह भवसागर भीतर आ सकते हैं
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प्रस्तुत प्रश्न बकित पद पद नामक पाठ से दिया गया है|इस में एक चौपाई और एक पद है|चौपाई और पद विशेष लय और ताल से गाये जाते है|बच्चों को ये राजत्मक रहकर मन को छू जाते है|चौपाई चाँद चार पंक्तिओं का होता है|इसकी प्रत्येक पंक्तिओं में 16 मात्राएँ होती है|छात्रों को प्राचीन साहित्य से अवगत कराना ही इस पाठ का मुख्य उधेश्य है|काव्य रचना की विविध शैलिओं का परिचय कराना है|
प्रस्तुत पंक्ति भक्ति-पद मीरा बाई से डी गयी है|इश्वर भक्ति ही जीवन रूपी भाव सागार से मुक्ति दिला सकती है|
प्रस्तुत पंक्ति भक्ति-पद रैदास से लिया गया है|रैदास इश्वर से कहते है की हे इश्वर आप चन्दन सामान श्रेष्ट है|चन्दन के संपर्क में आकर पानी भी सुगन्धित हो जाती है|मानव आपका निकट आकार आपका गुण जाकर धन्य हो जाते है|
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