Hindi, asked by swarajpattanaik4673, 1 year ago

I need a essay on Garv se kaho me bhartiy hu in Hindi language

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Answered by pujarohira2paillc
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एक मां हमें जन्म देती है और दूसरी मां की गोद में पलकर हमारा पोषण होता है। एक मां हमारी अपनी मां है, जबकि दूसरी मां धरती मां है। जिसकी गोद में पल कर हम बड़े होते हैं। जिस देश में हमने जन्म लिया, वह हमारी मातृभूमि हमें प्राणों से भी अधिक प्रिय है। नागरिक होने का तात्पर्य सिर्फ सरकारों द्वारा उपलब्ध कराई गई सुविधाओं का उपभोग करना ही नही हैं, बल्कि अपने देश के साथ प्रेम करना भी है। देश प्रेम की भावना हृदय में जलने वाली एक ऐसी ज्वाला है, जो अपनी जन्मभूमि को सबसे ज्यादा प्यार करने की भावना जगाती है। हमें आदर्श नागरिक बनना चाहिए। आदर्श नागरिक हमारे समाज के आधार व शोभा हैं । उनमें अनेक गुण होते हैं, इसलिए उनका जीवन व आचरण अनुकरणीय होता है। उन पर सभी लोगों को गर्व होता है। एक समाज या देश में हर प्रकार के नागरिक होते हैं। अच्छे व आदर्श नागरिक वही होते हैं, जो देश को शक्ति-सम्पन्न, समृद्ध, सुखी, शांत व संगठित बनाने में अपना बहुमूल्य योगदान देते हैं। देश की हर गतिविधियों यथा राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक व नैतिक ²ष्टियों से इन नागरिकों का बड़ा महत्व होता है। जितनी अधिक इन आदर्श नागरिकों की संख्या रहेगी, उतना ही देश विकसित होगा। एक आदर्श नागरिक बड़ा देशभक्त होता है। देशभक्ति का तात्पर्य है मातृभूमि व देश के लिए अटूट प्रेम, गहरा लगाव और समर्पण। लेकिन सभी नागरिक ऐसे नहीं हो सकते, न होते हैं। अनेक नागरिक अपनी नादानी से राष्ट्र के समक्ष समस्याएं खड़ी कर देते हैं। वे अपने निजी स्वार्थ के लिए कोई भी ऐसा बयान दे सकते हैं, जिससे अनावश्यक विवाद तूल पकड़ सकता है। ऐसे लोग समाज के लिए बोझ होते हैं। हमें इनसे सदा सावधान रहना चाहिए। अच्छे नागरिक देश के लिए, राष्ट्रहित के लिए अपने प्राणों की भी परवाह नहीं करते। महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस, लाला लाजपतराय, सरदार भगत¨सह आदि आदर्श नागरिकों के शिरोमणि थे। वे देश के लिए जिए व देश के लिए मिट गए। उनके लिए राष्ट्रभक्ति से और अधिक मूल्यवान कुछ भी नहीं था। उन्हीं के समर्पण के बल पर आज हम स्वतंत्र हैं। हमें अपने नागरिक होने पर गर्व होना चाहिए। एक आदर्श नागरिक स्वेच्छा से अनुशासन का पालन करता है। वह देश के नियमों-उपनियमों का पूरी जिम्मेदारी से निर्वाह करता है। वह अधिकारियों को कानून व व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करता है।वह कभी कोई ऐसा काम नहीं करता, जो दूसरों के अहित में हो, देश व समाज को हानि पहुंचाने वाला हो। वह देश में हो रहे गलत कार्यों के विरुद्ध आवाज भी उठाता है। वह कभी करों की चोरी नहीं करता व नागरिक होने की अपनी सभी जिम्मेदारियों का पूरी निष्ठा से पालन करता है। इसके विपरीत कई नागरिक करों की चोरी करते हैं, झूठ बोलते हैं, समाज में अफवाह फैलाकर लोगों को गुमराह करते हैं। इतना ही नहीं संकट के समय भी अपनी आदतों से बाज नहीं आते। एक आदर्श नागरिक अपने अधिकारों और कर्तव्यों दोनों के प्रति सचेत होता है। परन्तु अधिकार से अधिक वह अपने कर्तव्यों के प्रति अधिक जागरूक होता है

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Answered by satishmallick96
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एक मां हमें जन्म देती है और दूसरी मां की गोद में पलकर हमारा पोषण ह

सासाराम : रोहतास । एक मां हमें जन्म देती है और दूसरी मां की गोद में पलकर हमारा पोषण होता है। एक मां हमारी अपनी मां है, जबकि दूसरी मां धरती मां है। जिसकी गोद में पल कर हम बड़े होते हैं। जिस देश में हमने जन्म लिया, वह हमारी मातृभूमि हमें प्राणों से भी अधिक प्रिय है। नागरिक होने का तात्पर्य सिर्फ सरकारों द्वारा उपलब्ध कराई गई सुविधाओं का उपभोग करना ही नही हैं, बल्कि अपने देश के साथ प्रेम करना भी है। देश प्रेम की भावना हृदय में जलने वाली एक ऐसी ज्वाला है, जो अपनी जन्मभूमि को सबसे ज्यादा प्यार करने की भावना जगाती है। हमें आदर्श नागरिक बनना चाहिए। आदर्श नागरिक हमारे समाज के आधार व शोभा हैं । उनमें अनेक गुण होते हैं, इसलिए उनका जीवन व आचरण अनुकरणीय होता है। उन पर सभी लोगों को गर्व होता है। एक समाज या देश में हर प्रकार के नागरिक होते हैं। अच्छे व आदर्श नागरिक वही होते हैं, जो देश को शक्ति-सम्पन्न, समृद्ध, सुखी, शांत व संगठित बनाने में अपना बहुमूल्य योगदान देते हैं। देश की हर गतिविधियों यथा राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक व नैतिक ²ष्टियों से इन नागरिकों का बड़ा महत्व होता है। जितनी अधिक इन आदर्श नागरिकों की संख्या रहेगी, उतना ही देश विकसित होगा। एक आदर्श नागरिक बड़ा देशभक्त होता है। देशभक्ति का तात्पर्य है मातृभूमि व देश के लिए अटूट प्रेम, गहरा लगाव और समर्पण। लेकिन सभी नागरिक ऐसे नहीं हो सकते, न होते हैं। अनेक नागरिक अपनी नादानी से राष्ट्र के समक्ष समस्याएं खड़ी कर देते हैं। वे अपने निजी स्वार्थ के लिए कोई भी ऐसा बयान दे सकते हैं, जिससे अनावश्यक विवाद तूल पकड़ सकता है। ऐसे लोग समाज के लिए बोझ होते हैं। हमें इनसे सदा सावधान रहना चाहिए। अच्छे नागरिक देश के लिए, राष्ट्रहित के लिए अपने प्राणों की भी परवाह नहीं करते। महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस, लाला लाजपतराय, सरदार भगत¨सह आदि आदर्श नागरिकों के शिरोमणि थे। वे देश के लिए जिए व देश के लिए मिट गए। उनके लिए राष्ट्रभक्ति से और अधिक मूल्यवान कुछ भी नहीं था। उन्हीं के समर्पण के बल पर आज हम स्वतंत्र हैं। हमें अपने नागरिक होने पर गर्व होना चाहिए। एक आदर्श नागरिक स्वेच्छा से अनुशासन का पालन करता है। वह देश के नियमों-उपनियमों का पूरी जिम्मेदारी से निर्वाह करता है। वह अधिकारियों को कानून व व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करता है।वह कभी कोई ऐसा काम नहीं करता, जो दूसरों के अहित में हो, देश व समाज को हानि पहुंचाने वाला हो। वह देश में हो रहे गलत कार्यों के विरुद्ध आवाज भी उठाता है। वह कभी करों की चोरी नहीं करता व नागरिक होने की अपनी सभी जिम्मेदारियों का पूरी निष्ठा से पालन करता है। इसके विपरीत कई नागरिक करों की चोरी करते हैं, झूठ बोलते हैं, समाज में अफवाह फैलाकर लोगों को गुमराह करते हैं। इतना ही नहीं संकट के समय भी अपनी आदतों से बाज नहीं आते। एक आदर्श नागरिक अपने अधिकारों और कर्तव्यों दोनों के प्रति सचेत होता है। परन्तु अधिकार से अधिक वह अपने कर्तव्यों के प्रति अधिक जागरूक होता है। इसलिए हमें गर्व है कि हम भारतीय हैं/

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